HI/750103b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद बॉम्बे में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
(Vanibot #0025: NectarDropsConnector - update old navigation bars (prev/next) to reflect new neighboring items)
 
Line 2: Line 2:
[[Category:HI/अमृत वाणी - १९७५]]
[[Category:HI/अमृत वाणी - १९७५]]
[[Category:HI/अमृत वाणी - बॉम्बे]]
[[Category:HI/अमृत वाणी - बॉम्बे]]
<!-- BEGIN NAVIGATION BAR -- DO NOT EDIT OR REMOVE -->
{{Nectar Drops navigation - All Languages|Hindi|HI/750103 बातचीत - श्रील प्रभुपाद बॉम्बे में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|750103|HI/750104 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद बॉम्बे में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|750104}}
<!-- END NAVIGATION BAR -->
{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://vanipedia.s3.amazonaws.com/Nectar+Drops/750103SB-BOMBAY_ND_01.mp3</mp3player>|"कलियुग में कोई यज्ञ नहीं है। इसलिए अनावृष्टि है, अनावृष्टि। कलियुग के लोग यज्ञ करना भूल जाएंगे। वे घोर-रूप गतिविधियों, भयानक और भयंकर गतिविधियों में व्यस्त होंगे, यज्ञ में नहीं। वे यज्ञ की उपेक्षा करेंगे। तो फिर ये बोल्ट और नट और रबर के टायर आपकी कैसे मदद करेंगे? इसलिए अनाज की कमी है। यह कमी और बढ़ेगी। यह इतनी बढ़ेगी कि अब आपको उच्च कीमत चुकाकर अनाज मिल रहा है, लेकिन समय आएगा जब यदि आप कीमत चुकाने के लिए तैयार हैं, तो भी कोई अनाज नहीं होगा। वह समय आ रहा है।"|Vanisource:750103 - Lecture SB 03.26.26 - Bombay|750103 - प्रवचन SB 03.26.26 - बॉम्बे}}
{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://vanipedia.s3.amazonaws.com/Nectar+Drops/750103SB-BOMBAY_ND_01.mp3</mp3player>|"कलियुग में कोई यज्ञ नहीं है। इसलिए अनावृष्टि है, अनावृष्टि। कलियुग के लोग यज्ञ करना भूल जाएंगे। वे घोर-रूप गतिविधियों, भयानक और भयंकर गतिविधियों में व्यस्त होंगे, यज्ञ में नहीं। वे यज्ञ की उपेक्षा करेंगे। तो फिर ये बोल्ट और नट और रबर के टायर आपकी कैसे मदद करेंगे? इसलिए अनाज की कमी है। यह कमी और बढ़ेगी। यह इतनी बढ़ेगी कि अब आपको उच्च कीमत चुकाकर अनाज मिल रहा है, लेकिन समय आएगा जब यदि आप कीमत चुकाने के लिए तैयार हैं, तो भी कोई अनाज नहीं होगा। वह समय आ रहा है।"|Vanisource:750103 - Lecture SB 03.26.26 - Bombay|750103 - प्रवचन SB 03.26.26 - बॉम्बे}}

Latest revision as of 05:26, 9 October 2021

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"कलियुग में कोई यज्ञ नहीं है। इसलिए अनावृष्टि है, अनावृष्टि। कलियुग के लोग यज्ञ करना भूल जाएंगे। वे घोर-रूप गतिविधियों, भयानक और भयंकर गतिविधियों में व्यस्त होंगे, यज्ञ में नहीं। वे यज्ञ की उपेक्षा करेंगे। तो फिर ये बोल्ट और नट और रबर के टायर आपकी कैसे मदद करेंगे? इसलिए अनाज की कमी है। यह कमी और बढ़ेगी। यह इतनी बढ़ेगी कि अब आपको उच्च कीमत चुकाकर अनाज मिल रहा है, लेकिन समय आएगा जब यदि आप कीमत चुकाने के लिए तैयार हैं, तो भी कोई अनाज नहीं होगा। वह समय आ रहा है।"
750103 - प्रवचन SB 03.26.26 - बॉम्बे