HI/690225 - नर नारायण को लिखित पत्र, लॉस एंजिल्स: Difference between revisions
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कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मुझे आपका १४ फरवरी, १९६९ का पत्र प्राप्त हुआ है, और मुझे अभी आपकी पूछताछ का उत्तर देने का अवसर मिल रहा है। जहां तक | कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मुझे आपका १४ फरवरी, १९६९, का पत्र प्राप्त हुआ है, और मुझे अभी आपकी पूछताछ का उत्तर देने का अवसर मिल रहा है। जहां तक विग्रहों का संबंध है, इस पर कई बार चर्चा की गई है, तो बस अपने सर्वोत्तम निर्णय का उपयोग करके उन्हें उन विग्रहों की तरह बनाएं जो आपके साथ न्यूयॉर्क में हैं। आंखों में शंख रखने का आपका विचार अच्छा है, और आप इसे कर सकते हैं। आपके पास न्यूयॉर्क में विग्रहों का आदर्श उदाहरण है, इसलिए यदि आप इसी तरह हमारे अन्य केंद्रों के लिए कुछ विग्रह बना सकते हैं तो यह बहुत अच्छी उपलब्धि होगी। | ||
साथ ही, आपने न्यू वृंदावन में निर्माण योजनाओं के बारे में पूछा है, और इन प्रश्नों को हयग्रीव और कीर्तनानंद के साथ संदर्भित और चर्चा की जा सकती है। | साथ ही, आपने न्यू वृंदावन में निर्माण योजनाओं के बारे में पूछा है, और इन प्रश्नों को हयग्रीव और कीर्तनानंद के साथ संदर्भित और चर्चा की जा सकती है। | ||
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फरवरी २५, १९६९
मेरे प्रिय नर नारायण,
कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मुझे आपका १४ फरवरी, १९६९, का पत्र प्राप्त हुआ है, और मुझे अभी आपकी पूछताछ का उत्तर देने का अवसर मिल रहा है। जहां तक विग्रहों का संबंध है, इस पर कई बार चर्चा की गई है, तो बस अपने सर्वोत्तम निर्णय का उपयोग करके उन्हें उन विग्रहों की तरह बनाएं जो आपके साथ न्यूयॉर्क में हैं। आंखों में शंख रखने का आपका विचार अच्छा है, और आप इसे कर सकते हैं। आपके पास न्यूयॉर्क में विग्रहों का आदर्श उदाहरण है, इसलिए यदि आप इसी तरह हमारे अन्य केंद्रों के लिए कुछ विग्रह बना सकते हैं तो यह बहुत अच्छी उपलब्धि होगी।
साथ ही, आपने न्यू वृंदावन में निर्माण योजनाओं के बारे में पूछा है, और इन प्रश्नों को हयग्रीव और कीर्तनानंद के साथ संदर्भित और चर्चा की जा सकती है।
मुझे उम्मीद है कि यह आपको बहुत अच्छे स्वास्थ्य में मिलेगा।
आपका नित्य शुभचिंतक,
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी
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