HI/710729c प्रवचन - श्रील प्रभुपाद Gainesville में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/710729BG-GAINESVILLE_ND_01.mp3</mp3player>|"तो कृष्ण ने भगवद गीता में जो सिखाया, हम वही बात बिना किसी भिन्न, निर्मित विचारों के सिखा रहे हैं। यह हमारा कृष्ण भावनामृत आंदोलन है। और यह सभी के लिए खुला है। प्रक्रिया बहुत सरल है। यहां पर हमारा केंद्र है। यदि आप इस आंदोलन का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आपका स्वागत है। हम सुखी रहेंगे।"|Vanisource:710729 - Lecture BG 07.01 at University of Florida - Gainesville|710729 - प्रवचन भ. गी. ०७.०१ फ्लोरिडा विश्वविद्यालय में - गैंसविल्ले }} | {{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/710729BG-GAINESVILLE_ND_01.mp3</mp3player>|"तो कृष्ण ने भगवद गीता में जो सिखाया, हम वही बात बिना किसी भिन्न, निर्मित विचारों के सिखा रहे हैं। यह हमारा कृष्ण भावनामृत आंदोलन है। और यह सभी के लिए खुला है। प्रक्रिया बहुत सरल है। यहां पर हमारा केंद्र है। यदि आप इस आंदोलन का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आपका स्वागत है। हम सुखी रहेंगे।"|Vanisource:710729 - Lecture BG 07.01 at University of Florida - Gainesville|710729 - प्रवचन भ. गी. ०७.०१ फ्लोरिडा विश्वविद्यालय में - गैंसविल्ले }} |
Revision as of 06:14, 21 January 2022
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"तो कृष्ण ने भगवद गीता में जो सिखाया, हम वही बात बिना किसी भिन्न, निर्मित विचारों के सिखा रहे हैं। यह हमारा कृष्ण भावनामृत आंदोलन है। और यह सभी के लिए खुला है। प्रक्रिया बहुत सरल है। यहां पर हमारा केंद्र है। यदि आप इस आंदोलन का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आपका स्वागत है। हम सुखी रहेंगे।" |
710729 - प्रवचन भ. गी. ०७.०१ फ्लोरिडा विश्वविद्यालय में - गैंसविल्ले |