HI/770121 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद भुवनेश्वर में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
(Created page with "Category:HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी Category:HI/अमृत वाणी - १९७७ Category:HI/अम...") |
No edit summary |
||
Line 2: | Line 2: | ||
[[Category:HI/अमृत वाणी - १९७७]] | [[Category:HI/अमृत वाणी - १९७७]] | ||
[[Category:HI/अमृत वाणी - भुवनेश्वर]] | [[Category:HI/अमृत वाणी - भुवनेश्वर]] | ||
{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/770121LE-BHUVANESVARA_ND_01.mp3</mp3player>| | <!-- BEGIN NAVIGATION BAR -- DO NOT EDIT OR REMOVE --> | ||
{{Nectar Drops navigation - All Languages|Hindi|HI/770105 बातचीत - श्रील प्रभुपाद बॉम्बे में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|770105|HI/770123 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद भुवनेश्वर में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|770123}} | |||
<!-- END NAVIGATION BAR --> | |||
{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/770121LE-BHUVANESVARA_ND_01.mp3</mp3player>|दीक्षा लेने के लिए हमें बहुत गंभीर होना चाहिए, न कि केवल फैशन के लिए दीक्षा लेनी चाहिए, अपितु इसे बहुत सावधानी और गंभीरता से किया जाना चाहिए।|Vanisource:770121 - Lecture - Bhuvanesvara|770121 - प्रवचन - भुवनेश्वर}} |
Latest revision as of 02:07, 6 February 2022
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
दीक्षा लेने के लिए हमें बहुत गंभीर होना चाहिए, न कि केवल फैशन के लिए दीक्षा लेनी चाहिए, अपितु इसे बहुत सावधानी और गंभीरता से किया जाना चाहिए। |
770121 - प्रवचन - भुवनेश्वर |