HI/670101 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
(Created page with "Category:Nectar Drops from Srila Prabhupada Category:Nectar Drops - 1967 Category:Nectar Drops - New York {{Audiobox_ND|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vaniped...") |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
[[Category: | [[Category:HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी]] | ||
[[Category: | [[Category:HI/अमृत वाणी - १९६७]] | ||
[[Category:Nectar Drops - | [[Category:HI/अमृत वाणी - न्यूयार्क]] | ||
{{ | <!-- BEGIN NAVIGATION BAR -- DO NOT EDIT OR REMOVE --> | ||
{{Nectar Drops navigation - All Languages|Hindi|HI/661231 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|661231|HI/670101b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|670101b}} | |||
<!-- END NAVIGATION BAR --> | |||
{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/670101BG-NEW_YORK_ND_01.mp3</mp3player>|श्रीमद भागवतम में यह अत्यधिक सुंदरता से बताया गया है कि किस प्रकार इस सृष्टि का सर्जन हुआ तथा किस प्रकार ब्रह्माजी की उत्पत्ति हुई और कैसे ब्रह्माजी से ऋषिओ की उत्पत्ति हुई, किस प्रकार सामान्यतः जनसख्या बढ़ी। यह वर्णन है। तो वास्तव में भगवान श्री कृष्ण मूल हैं। जन्मादि अस्य यतः (श्री.भा. १.१.१.)। वेदांत सूत्र में यह बताया गया है, सब कुछ उनमे से ही उत्पन्न होता है।|Vanisource:670101 - Lecture BG 10.02-3 - New York|670101 - प्रवचन भ.गी. १०.२-३ - न्यूयार्क}} |
Latest revision as of 04:57, 9 April 2022
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
श्रीमद भागवतम में यह अत्यधिक सुंदरता से बताया गया है कि किस प्रकार इस सृष्टि का सर्जन हुआ तथा किस प्रकार ब्रह्माजी की उत्पत्ति हुई और कैसे ब्रह्माजी से ऋषिओ की उत्पत्ति हुई, किस प्रकार सामान्यतः जनसख्या बढ़ी। यह वर्णन है। तो वास्तव में भगवान श्री कृष्ण मूल हैं। जन्मादि अस्य यतः (श्री.भा. १.१.१.)। वेदांत सूत्र में यह बताया गया है, सब कुछ उनमे से ही उत्पन्न होता है। |
670101 - प्रवचन भ.गी. १०.२-३ - न्यूयार्क |