HI/690416 - प्रभावती को लिखित पत्र, न्यू यॉर्क: Difference between revisions

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Latest revision as of 04:44, 22 April 2022

His Divine Grace A.C. Bhaktivedanta Swami Prabhupāda

१६ अप्रैल १९६९

मेरी प्रिय प्रभावती,

कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मैं आपकी प्रार्थना की माला के साथ भेजे गए आपके पत्र की प्राप्ति की पावती देता हूं। मैं उन अपराधों की सूची की एक प्रति संलग्न कर रहा हूं जिनसे एक वैष्णव को बचना चाहिए। कृपया जहां तक संभव हो इन अपराधों से बचने का प्रयास करें। भले ही आपने अतीत में कोई अपराध किया हो, वह ठीक है। बस नियमों और विनियमों का पालन करने का प्रयास करें, और आपने जो भी अपराध किया होगा वह भगवान कृष्ण द्वारा क्षमा किया जाएगा। लेकिन भविष्य में आपको इस तरह के अपराधों से खुद को मुक्त रखने के लिए बहुत सावधान रहना चाहिए।

मुझे आशा है कि यह आपको अच्छे स्वास्थ में और खुशमिजाज मनोदशा में मिलेगा।

आपका सदैव शुभचिंतक,

ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी