HI/680301 - उद्धव एवं चिदानंद को लिखित पत्र, लॉस एंजिलस: Difference between revisions

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Letter to Uddhava and Cidananda (With note from Jadurani)


1 मार्च, 1968


श्री गुरु और गौरांग के लिए सभी महिमा
[जदुरानी से पहला भाग]]


मेरे प्रिय उद्धव एवं चिदानंद,

कृपया मेरे आशीर्वाद स्वीकार करो। मुझे 26 फरवरी, 1968 का तुम्हारा पत्र प्राप्त हुआ है। हाँ, भक्तों के लिए एक बड़ा भवन ढ़ूँढने का विचार बहुत अच्छा है। कृपया ऐसे ही करो। और यदि उपलब्ध हो, तो मैं भी वहां पर ठहरुंगा, किन्तु जहां तक हो सके वह एक शांत जगह होनी चाहिए। यदि वह अभी तक उपलब्ध नहीं है तो मैं मन्दिर के ऊपर वाले भवन में रह सकता हूँ, बशर्ते लिफ्ट चालू हो।

जहां तक भाषण सभाओं की बात है तो वे सुव्यवस्थित व प्रायोजित होनी चाहिएं, ताकि प्रचुर मात्रा में प्रचार हो औरअनेकों लोग आएं। हम सस्ते नहीं हैं, हम कुछ कहना चाहते हैं, पर ठहरने के लिए अच्छा स्थान मुहैया कराया जाना आवश्यक है। स्पीकरों की व्यवस्था अवश्य होनी चाहिए और पहले से ही भली भांति प्रचार किया जाना चाहिए ताकि कई लोग हम को जानें और आएं। यह बहुत महत्तवपूर्ण है।

वर्तमान कार्क्रम के अनुसार, हम 8 मार्च को पीएसऐ ऐयरलाइन्स द्वारा, प्रातः 10:10 पर यहां से चलेंगे। प्लाइट संख्या 977 है और वह बर्बैंक से प्रातः 10:10 पर चलती है और सांय 11:05 पर सैन फ्रांसिस्को पंहुचती है। तो तुम इस के अनुरूप सारी व्यवस्था कर सकते हो और मैं सैन फ्रांसिस्को के अपने सारे अच्छे विद्यार्थियों से मिलने को बहुत उत्सुक रहुंगा। आशा करता हूँ कि तुम अच्छे से हो।

सर्वदा तुम्हारा शुभाकांक्षी,

ए. सी. भक्तिवेदान्त स्वामी