HI/690526 - गौरसुन्दर को लिखित पत्र, न्यू वृंदाबन, अमेरिका: Difference between revisions

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Latest revision as of 07:10, 24 April 2022

गौरसुन्दर को पत्र


त्रिदंडी गोस्वामी
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी
संस्थापक-आचार्य:
अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ

केंद्र: न्यू वृंदाबन
       आरडी ३,
       माउंड्सविल, वेस्ट वर्जीनिया
       २६०४१
दिनांक......मई २६,...................१९६९

मेरे प्रिय गौरसुन्दर,

कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। आपका २१ मई, १९६९ का पत्र पाकर मुझे बहुत खुशी हो रही है, जो उत्साहवर्धक समाचारों से भरा है। मुझे अब आशा है कि आपके अच्छे प्रयासों से हवाई केंद्र को अन्य केंद्रों की तरह बेहतर बनाया जाएगा। पिछले साल जब हम सैन फ्रांसिस्को में थे, मैंने व्यावहारिक रूप से आपको हवाई जाने के लिए प्रोत्साहित किया था, और कृष्ण की कृपा से अब आपको कुछ उम्मीदें मिल रही हैं। तो अपने प्रयास जारी रखें, और कृष्ण निश्चित रूप से आपके प्रयासों को सफल करेंगे। मुझे यह जानकर बहुत चिंता हो रही है कि गोविन्द दासी बीमार हैं। बेशक, वे हमेशा बीमार रहती हैं; यह सामान्य अनुभव है, लेकिन मुझे नहीं पता कि उन्हें हवाई में बीमार क्यों होना चाहिए। वहाँ मौसम ठंडा नहीं है, और जब मैं हवाई में था तो उन्होंने अपने स्वास्थ्य में सुधार किया था। वैसे भी, जहाँ तक हो सके उनकी देखभाल करें और कृष्ण पर निर्भर रहें। सब कुछ ठीक हो जाएगा।

मुझे लगता है कि इस समय तक सुदामा आपके साथ शामिल हो गए हैं, क्योंकि मैंने उन्हें ऐसी सलाह दी थी और उन्होंने अपना पत्र भी भेजा है कि वे आपके साथ मंदिर में शामिल हो रहे हैं। इसी तरह, बलभद्र और जयश्री भी हैं, साथ ही वामनदेव भी हैं, इसलिए आप सब कुछ बहुत अच्छी तरह से कर सकते हैं। कृष्ण आप सभी की मदद करेंगे। मुझे लगता है कि हवाई एक अच्छी जगह है; लोग रुचि रखते हैं और वे आने लगे हैं। तो आप हवाई न्यू नबद्वीप बना सकते हैं। हवाई पहले से ही द्वीप है, इसलिए आप इसे नबद्वीप में बना लें।

मुझे आशा है कि आप अच्छे हैं।

आपका नित्य शुभचिंतक,

ए. सी. भक्तिवेदांत स्वामी