HI/690315 - तमाल कृष्ण एवं विष्णुजन को लिखित पत्र, हवाई: Difference between revisions

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15 मार्च, 1969
15 मार्च, 1969
मेरे प्रिय तमाल कृष्ण एवं विष्णुजन,
कृपया मेरे आशीर्वाद स्वीकार करो। मुझे पुरुषोत्तम के पत्र के साथ-साथ, तुम्हारा दिनांक 10 फरवरी, 1969 का पत्र मिला है और मैं सुविधानुसार उत्तर दूंगा। इसी बीच मैं मेरे द्वारा हस्ताक्षर किए गए सर्टिफिकेट और पत्र संलग्न भेज रहा हूँ। और चूंकि तुम्हें इनकी आवश्यकता है, मैं इन्हें पहले भेज रहा हूँ।
आमों के बारे मेः गोविन्द दासी ने मुझे भ्रमित किया है—आम अभी तक पके नही हैं। आम के पेड़ तो अनेक हैं, लेकिन फल मई या जून के अन्त तक नहीं पकेंगे। तो फिलहाल अच्छे आमों की कोई बहुतायत नहीं है। तो जल्दी ही मैं न्यू यॉर्क, बॉस्टन एवं अन्य स्थानों में अपने कार्यक्रम के लिए मुख्यभूमि लौटुंगा।
आशा करता हूँ कि यह तुम्हें अच्छे स्वास्थ्य में प्राप्त हो।
सर्वदा तुम्हारा शुभाकांक्षी,<br/>
ए. सी. भक्तिवेदान्त स्वामी

Latest revision as of 09:04, 27 April 2022

His Divine Grace A.C. Bhaktivedanta Swami Prabhupāda


15 मार्च, 1969


मेरे प्रिय तमाल कृष्ण एवं विष्णुजन,

कृपया मेरे आशीर्वाद स्वीकार करो। मुझे पुरुषोत्तम के पत्र के साथ-साथ, तुम्हारा दिनांक 10 फरवरी, 1969 का पत्र मिला है और मैं सुविधानुसार उत्तर दूंगा। इसी बीच मैं मेरे द्वारा हस्ताक्षर किए गए सर्टिफिकेट और पत्र संलग्न भेज रहा हूँ। और चूंकि तुम्हें इनकी आवश्यकता है, मैं इन्हें पहले भेज रहा हूँ।

आमों के बारे मेः गोविन्द दासी ने मुझे भ्रमित किया है—आम अभी तक पके नही हैं। आम के पेड़ तो अनेक हैं, लेकिन फल मई या जून के अन्त तक नहीं पकेंगे। तो फिलहाल अच्छे आमों की कोई बहुतायत नहीं है। तो जल्दी ही मैं न्यू यॉर्क, बॉस्टन एवं अन्य स्थानों में अपने कार्यक्रम के लिए मुख्यभूमि लौटुंगा।

आशा करता हूँ कि यह तुम्हें अच्छे स्वास्थ्य में प्राप्त हो।

सर्वदा तुम्हारा शुभाकांक्षी,

ए. सी. भक्तिवेदान्त स्वामी