HI/710404 - गोपाल कृष्ण को लिखित पत्र, बॉम्बे: Difference between revisions
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त्रिदंडी गोस्वामी | त्रिदंडी गोस्वामी |
Latest revision as of 09:13, 27 April 2022
त्रिदंडी गोस्वामी
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी
संस्थापक-आचार्य:
अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ
पी. ओ. बॉक्स
किला, बॉम्बे -1
भारत
4 अप्रैल, 1971
मेरे प्रिय गोपाल कृष्ण,
कृपया मेरे आशीर्वाद स्वीकार करो। मुझे तुम्हारा दिनांक 9 फरवरी, 1971 का पत्र प्राप्त हुआ है और मैंने इसे पढ़ा है। जहां तक तुम्हारे व्यवसाय की बात है, अवश्य ही तुम कोई कर्मी नहीं हो। जिस किसी भी व्यक्ति का प्रत्येक क्षण का काम ही कृष्णभावनामृत हो, वह कर्मी नहीं है, वह प्रत्येक परिस्थिति में भक्त ही है। तो तुम्हें आजीविका के सर्वोत्तम स्रोत को स्वीकार कर, उसे कृष्ण की सेवा प्रयोग में लाना चाहिए। और वह सन्न्यास से भी उत्तम है। तो अपनी नौकरी में लगे रहो और उसे कृष्णभावनामृत के लिए इस्तेमाल करो। तुम कर्मी नहीं हो।
हम यहां बम्बई में क्रॉस मैदान में एक बहुत बड़ा उत्सव मना रहे हैं, जिसमें प्रतिदिन 20,000 से 30,000 लोग उपस्थित हो कीर्तन, प्रवचन, आरती एवं प्रसाद वितरण में भाग ले रहे हैं। तुम्हें जानकर खुशी होगी कि तुम्हारे माता-पिता, दोनों ही यहां मुझसे मिलने आए थे। तुम्हारी माता सदा कहती रहती हैं कि तुम अपनी पत्नी के साथ यहां आकर, भारत में नौकरी ढ़ूंढ़ लो। लेकिन मैंने उन्हें बताया कि तुम्हें यहां पर उससे बेहतर नोकरी नहीं मिलेगी। लेकिन वे माँ हैं और, स्वाभाविक रूप से, तुम्हें देखने को उत्सुक हैं। तो मैंने उनसे कह दिया है कि तुम्हारी परिक्षाओं के पश्चात तुम सुविधानुसार भारत आकर उनके साथ उनके घर पर मिलोगे।
जहांतक पैरिस और मॉन्ट्रिएल के लिए एक ही फ्रांसीसी बीटीजी निकालने की तुम्हारी योजना है, यह एक बहुत उत्तम विचार है। तुम शायद यह जानने में दिलचस्पी होगी कि डॉ. बिगलो ने मेरे पत्र की स्वीकार किया है और उन्होंने यह बात भी मान ली है कि जीवात्मा के बारे में हमारी जानकारी पाश्चात्य जगत से कहीं अधिक है। यह उन्होंने ने स्वीकार किया है। जहांतक अमरीका जाने की बात है, तो मैं खुश हूँ कि तुम एक बेहतर नौकरी के लिए वहां जा रहे हो। और यदि भक्तियोग में सेवा की तुम्हारी प्रवृत्ति अच्छी है और तुम इसी मनोभाव में चलते रहते हो, तो अवश्य ही तुम एक शुद्ध भक्त हो।
अपनी पत्नी एकायनी को मेरे आशीर्वाद देना। आशा करता हूँ कि यह तुम्हें अच्छे स्वास्थ्य में प्राप्त होगा।
सर्वदा तुम्हारा शुभाकांक्षी,
(हस्ताक्षरित)
ए. सी. भक्तिवेदान्त स्वामी
एसीबीएस/एडीबी
श्रीमन गोपाल कृष्ण दास अधिकारी
3720 पार्क एवेन्यू
मॉन्ट्रियल, 130, पी.क्यू.
कनाडा
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