HI/700324 - दामोदर को लिखित पत्र, लॉस एंजिलस: Difference between revisions

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His Divine Grace A.C. Bhaktivedanta Swami Prabhupāda



24 मार्च, 1970


मेरे प्रिय दामोदर,

कृपया मेरे आशीर्वाद स्वीकार करो। मुझे तुम्हारा 15 मार्च 1970 का पत्र प्राप्त हुआ है और मेरे खर्च एवं बुक फंड हेतु भेजे गए तुम्हारे $30 के चेक के लिए मैं तुम्हारा धन्यवाद बहुत करता हूँ। मुझे यह जानकर हर्ष हुआ कि एक बेहतर मन्दिर के लिए राशि इकट्ठा करने के तुम्हारे प्रयास अब फलिभूत होने लगे हैं। चूंकि अब वॉशिंगटन के भक्त कई बार टेलिविजन पर आ चुके हैं, तो अब जनता यह प्रश्न अधिकाधिक करने लगेगी कि यह कृष्णभावनामृत आंदोलन क्या है। और तुम कह रहे हो कि ग्रहण के दौरान कीर्तन एवं नृत्य में कुछ सैंकड़ों लोग सम्मिलित हुए थे। इन सब बातों से मुझे बहुत प्रोत्साहन मिल रहा है। तुम्हारी सफलता की कुंजी है, ठोस विश्वास के साथ-साथ अपने उद्देश्य के प्रति निष्कपट गंभीरता। इस प्रकार से, अविचल निश्चय के साथ, हमारे कृष्णभावनामृत आंदोलन को आगे बढ़ाओ। अपने अंदर हीन भावना मत लाओ। जब कृष्ण तुम्हें अवसर देंगे तो तुम अन्यों से भी अधिक कार्य करोगे। पर तुम जो कुछ भी करो, बहुत अच्छी तरह से कृष्ण की सेवा के लिए करो, और कृष्ण तुमपर कृपा करेंगे। वॉशिंगटन अमरीका की राजधानी है। तो तुम्हारा केंद्र भी, वॉशिंगटन के पद के अनुसार, बिलकुल उपयुक्त होना चाहिए।

यदि तुम कभी यहां आओ और लॉस एंजेलेस मंदिर और इसकी गतिविधियां देखो, तो मैं सोचता हूँ कि तुम्हारी गतिविधियों में सुधार आएगा।

कृपया मधुसूदन, कंचनबाला, दिनेश, विष्णु आरती, डेनीज़ और वहां के सारे युवक युवतियों को मेरे आशीर्वाद देना।

आशा करता हूँ कि यह तुम्हें अच्छे स्वास्थ्य में प्राप्त हो।

सर्वदा तुम्हारा शुभाकांक्षी,

ए.सी.भक्तिवेदान्त स्वामी