HI/710818 - मधुसूदन को लिखित पत्र, लंदन: Difference between revisions

No edit summary
 
(No difference)

Latest revision as of 07:54, 11 May 2022

Letter to Madhusudan


त्रिदंडी गोस्वामी

ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी


शिविर: इस्कॉन
7, बरी प्लेस
लंदन, डब्ल्यू.सी. 1
इंग्लैंड

18 अगस्त 1971

मेरे प्रिय मधुसूदन,

कृपया मेरे आशीर्वाद स्वीकार करो। मुझे तुम्हारा दिनांक 13 अगस्त, 1971 का पत्र प्राप्त हा और मैंने उसे ध्यानपूर्वक पढ़ा है। जहां तक बीटीजी के लिए कलाकृतियों के तुम्हारे चयन की बात है, मुझे कलात्मक शैलियों का ज्ञान नहीं है। मैं एक आम व्यक्ति हूँ और तकनीकों से अनभिज्ञ हूँ। किन्तु जो तस्वीर तुमने संलग्न की है वह मुझे आकर्षक लगी है। तो उसका उपयोग किया जा सकता है। मुझे कोई आपत्ति नहीं है।

बात यह है कि ये कलाकृतियां जीवंत होनी चाहिएं। ऐसा नहीं होना चाहिए कि तुम कृष्ण को एक वंयग्यचित्र बना दो और हंसी का पात्र। और न ही हिप्पी विचारों का उपयोग होना चाहिए। जो भी तकनीक है उसे जीवंत बनाओ। वह अच्छा रहेगा।

आशा है कि यह तुम्हें अच्छे स्वास्थ्य में प्राप्त होगा।

(हस्ताक्षरित)

ए.सी. भक्तिवेदान्त स्वामी

एसीबीएस/एडीबी

c / o इस्कॉन प्रेस