HI/710401 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद बॉम्बे में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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Latest revision as of 15:32, 5 May 2023
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"कृष्ण हर स्थान पर उपस्थित हैं, क्योंकि सब कुछ उनपर, उनकी शक्ति पर आश्रित हैं। ठीक जैसे कि एक बड़े कारखाने में मालिक कारखाने से बाहर हो सकता है, परंतु हर मज़दूर इस बात से परिचित है कि "यह कारखाना अमुक व्यक्ति का है।" जिस प्रकार मजदूरों के द्वारा सदैव कारखाने के मालिक की उपस्थिति उनकी चेतना में स्थित है, उसी प्रकार, हर किसी के द्वारा हर कार्यकलाप में कृष्णभावनामृत स्थित है। यह ही वह दर्शन है जिसका प्रचार हम पूरी दुनिया में करने का प्रयास कर रहे हैं।" |
७१०४०१ - प्रवचन भ.ग. ०७.०७ - बॉम्बे |