HI/Prabhupada 0008 - कृष्ण दावा करते है की 'मैं हर किसी का पिता हूँ'

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1 00:00:26,500 --> 00:00:37,024 तो, कम से कम भारत में, सभी महान हस्तियों, साधू व्यक्तियों, संतों और आचार्यों ने,

2 00:00:37,224 --> 00:00:41,401 इतनी अच्छी तरह से और पूरी तरह से इस आध्यात्मिक ज्ञान को विकसित किया है,

3 00:00:41,901 --> 00:00:45,456 और हम इसका लाभ नहीं ले रहे हैं ।

4 00:00:45,956 --> 00:00:54,508 एसा नहीं है कि वह शास्त्र और मार्गदर्शन भारतीयों के लिए या हिंदुओं के लिए या ब्राह्मण के लिए हैं । नहीं ।

5 00:00:55,008 --> 00:00:57,450 यह हर किसी के लिए है ।

6 00:00:57,950 --> 00:01:09,540 क्योंकि कृष्ण का दावा है (भ गी १४।४) सर्व-योनिषु कौन्तेय सम्भवन्ति मूर्तय: य: तासां महद् ब्रह्म योनिर अहं बीज प्रद: पिता

7 00:01:10,040 --> 00:01:13,281 कृष्ण का दावा है कि "मैं हर किसी का पिता हूँ ।"

8 00:01:13,781 --> 00:01:19,644 इसलिए, वह बहुत ज्यादा उत्सुक हैं, हमें शांतिपूर्ण अौर सुखी बनाने के लिए ।

9 00:01:20,144 --> 00:01:25,358 वैसे ही जैसे कोई पिता अपने बेटे को अच्छी तरह से स्थित और खुश देखना चाहता है;

10 00:01:25,858 --> 00:01:31,986 इसी तरह, कृष्ण भी हम में से हर एक को सुखी और अच्छी तरह से स्थित देखना चाहते हैं ।

11 00:01:32,486 --> 00:01:34,409 इसलिए वे कभी कभी आते हैं ।

12 00:01:34,909 --> 00:01:37,743 (भ गी ४।७) यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर भवति ।

13 00:01:38,243 --> 00:01:42,085 यह ही कृष्ण के आगमन का उद्देश्य है ।

14 00:01:42,585 --> 00:01:48,564 तो जो लोग कृष्ण के सेवक, श्री कृष्ण के भक्त हैं,

15 00:01:49,064 --> 00:01:53,430 उन्हे कृष्ण के विशेष कार्य का दायित्व लेना चाहिए ।

16 00:01:53,930 --> 00:01:56,323 उन्हे कृष्ण के विशेष कार्य का दायित्व लेना चाहिए ।

17 00:01:56,823 --> 00:01:59,894 यही चैतन्य महाप्रभु का मूलपाठ है ।

18 00:02:00,394 --> 00:02:07,540 अामार अाज्ञाय गुरु हौया तार एइ देश, यारे देखा तारे कह कृष्ण-उपदेश (चै च मध्य ७।१२८)

19 00:02:08,040 --> 00:02:15,060 कृष्ण-उपदेश । बस कृष्ण ने भगवद गीता में जो उपदेश दिया है उसका प्रचार करने के लिए प्रयास करें ।

20 00:02:15,560 --> 00:02:17,822 यही हर भारतीय का कर्तव्य है ।

21 00:02:18,322 --> 00:02:20,040 चैतन्य महाप्रभु कहते हैं ।

22 00:02:20,540 --> 00:02:28,969 भारत-भूमिते मनुष्य जन्म हौयल यार जन्म सार्थक करी पर-उपकार ( चै च अादि ९।४१)

23 00:02:29,469 --> 00:02:36,058 तो भारतीय, भारतीय उपकार के लिए हैं ।

24 00:02:36,558 --> 00:02:40,673 भारतीय दूसरों का शोषण करने के लिए नहीं हैं ।

25 00:02:41,173 --> 00:02:44,869 यह भारतीयों का सरोकार नहीं है ।

26 00:02:45,369 --> 00:02:51,976 भारतीय इतिहास हमेशा पर-उपकार के साथ है ।

27 00:02:52,476 --> 00:03:00,363 और पहले ज़माने में, दुनिया के सभी भागों से, आध्यात्मिक जीवन क्या है यह जानने के लिए भारत आया करते थे ।

28 00:03:00,863 --> 00:03:03,242 यहां तक ​​कि यीशु मसीह भी वहां गए थे ।

29 00:03:03,742 --> 00:03:07,160 और चीन से और अन्य देशों से भी । यही इतिहास है ।

30 00:03:07,660 --> 00:03:10,863 और हम अपने ही परिसंपत्ति भूल रहे हैं ।

31 00:03:11,363 --> 00:03:15,066 हम कितने कठोर हैं ।

32 00:03:15,566 --> 00:03:20,566 इस तरह का महान आंदोलन, कृष्ण भावनामृत, पूरी दुनिया में हो रहा है,

33 00:03:21,066 --> 00:03:25,230 लेकिन हमारे भारतीय कठोर हैं, हमारी सरकार कठोर है ।

34 00:03:25,730 --> 00:03:28,405 वे नहीं लेते हैं । यह हमारा दुर्भाग्य है ।

35 00:03:28,905 --> 00:03:31,552 लेकिन यह चैतन्य महाप्रभु का विशेष कार्य है ।

36 00:03:32,052 --> 00:03:38,673 उन्होंने कहा कि कोई भी भारतीय, भारत भूमिते जन्म, अगर वह इंसान है तो,

37 00:03:39,149 --> 00:03:44,999 उसे वैदिक साहित्य का लाभ लेकर अपने जीवन को सफल बनाना चाहिए

38 00:03:45,499 --> 00:03:50,755 और दुनिया भर में यह ज्ञान वितरित करना चिहिए । यही पर उपकार है ।

39 00:03:51,255 --> 00:03:56,006 तो भारत कर सकता है । वे वास्तव में प्रशंसा कर रहे हैं ।

40 00:03:56,506 --> 00:04:02,899 यह यूरोपीय, अमेरिकी युवक, प्रशंसा कर रहे हैं कि कैसे महान ...

41 00:04:03,399 --> 00:04:10,524 मुझे दैनिक दर्जनों पत्र मिलते हैं कि इस आंदोलन से उन्हे कितना लाभ हुअा है ।

42 00:04:11,024 --> 00:04:13,506 दरअसल, यह तथ्य है ।

43 00:04:14,006 --> 00:04:18,792 यह मरे हुए आदमी को जीवन दे रहा है ।

44 00:04:19,292 --> 00:04:26,243 इसलिए मैं विशेष रूप से भारतीयों से अनुरोध करुँगा, खासकर महामहिम,

45 00:04:26,743 --> 00:04:33,421 कृपया इस आंदोलन के साथ सहयोग करें, और अपने जीवन और दूसरों के जीवन को सफल बनाने के लिए प्रयास करें ।

46 00:04:33,921 --> 00:04:36,863 यह कृष्ण का मिशन है, कृष्ण का आगमन है ।

47 00:04:37,363 --> 00:04:42,067 अापका बहुत धन्यवाद ।