"यदि तुम कैलिफ़ोर्निया जाना चाहते हो तो तुम्हें वहाँ जाना होगा। केवल विचार करने से कि मैं कैलिफ़ोर्निया जा रहा हूँ तो क्या तुम... ? नहीं। उसी प्रकार यदि तुम्हें शान्ति चाहिए तो उसके लिए तुम्हें प्रयास करना होगा। कार्य विधि है। वह कार्य विधि सब के लिए उपलब्ध है, बस तुम्हें उसे अपनाना है। नहीं तो यह संभव नहीं है। इसलिए भगवान् श्री चैतन्य महाप्रभु ने मध्य लीला में बताया है कि" मनुष्य जन्म सार्थक करी।" "सबसे पहले स्वयं को कुश्ल बनाओ; फिर प्रचार करो।" स्वयं निर्रथक बन कर प्रचार नहीं कर सकते। क़तई नहीं।"
|