HI/680126 - कृष्ण देवी को लिखित पत्र, लॉस एंजिलस

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Letter to Krsna devi


मेरी प्रिय बेटी कृष्णा देवी,

मेरे आशीर्वाद स्वीकार करो। तुम्हारे 25 जनवरी, 1968 के पत्र के लिए धन्यवाद। यहाँ डैनी के साथ आकर मुझसे मिलने के तुम्हारे प्रस्ताव के लिए मैं तुम्हारा आभारी हूँ। मुझे जल्द से जल्द तुमसे डैनी के साथ व्यक्तिगत रूप में मिलकर बहुत खुशी होगी। मैंने तुमसे सैन्टा फे केन्द्र को संभालने का आग्रह इसलिए किया, क्योंकि तुमने वह कार्यभार बहुत अच्छे तरीके से संभाला था। मुझे अभी भी आशा है कि तुम्हारे वहाँ लौटने से वहाँ हाल फिलहाल में पैदा हुई सब परेशानियां समाप्त हो जाऐंगी। हमारे जीवन में गलतियां हो सकती हैं, किन्तु यदि हम कृष्णभावनामृत से जुड़े रहें तो अवश्य ही कृष्ण हमें सही मार्ग पर ले आऐंगे। तुम्हारे पति श्रीमान सुबल दास यहां मेरे साथ बहुत शांतिपूर्वक रह रहे हैं और ठोस काठ से राधा कृष्ण तराशने में संलग्न हैं। तो, यह भौतिक जीवन भी ठोस काठ की ही तरह है। और यदि हम इससे राधा कृष्ण तराश लेते हैं तो यही जीवन कि सफलता है।

तो, किसी भी अवस्था में तम्हें कृष्ण को कभी नहीं भूलना है। मेरे ह्रदय में तुम्हारे लिए स्नेह है, और इसीलिए मैंने तुम्हारा नाम रखा था कृष्णा देवी दासी। एक क्षणमात्र के लिए भी कृष्ण को कभी मत भूलना। सुविधानुसार ज़ोर-ज़ोर से या धीरे-धीरे हरे कृष्ण का जप करते रहना। किन्तु हरिनाम का जप कभी मत भूलना। मैं आशा करता हूँ कि जैसे ही तुम और डैनी यहाँ आओगे, सब कुछ ठीक हो जाएगा। मैं बहुत आशा के साथ तुम्हारी राह देख रहा हूँ। आशा करता हूँ कि तुम ठीक हो।

सर्वदा तुम्हारा शुभाकांक्षी

अहस्ताक्षरित