HI/661125 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"कृष्ण-दवैपायन व्यास, कृष्ण का बहुत बलशाली अवतार हैं। वे अवतार ही थे, यदि यह अवतार नहीं थे तो इतनी पुस्तकें लिखना संभव नहीं था। अठारह पुराण, चार वेद, १०८ उपनिषद, वेदान्त, महाभारत और श्रीमद् भागवतम्। प्रत्येक में हज़ारों, लाखों की संख्या में श्लोक हैं। अत: देखो; हम कल्पना भी नहीं कर सकते कि कोई व्यक्ति इस प्रकार लिख सकता है। अत: वेदव्यास श्री भगवान् का ही अवतार थे। वे लिखने में बहुत सक्षम थे।"
661125 - Lecture CC Madhya 20.121-124 - New York