HI/661221 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

Nectar Drops from Srila Prabhupada
"यह सदैव स्मरण रहे कि कृष्ण भावना, इस भौतिक प्रकृति के विरूद्ध,एक युद्ध की घोषणा है। अत:यह एक युद्ध है। यह सदैव तुम्हें गिराने का प्रयास करेगी। दैवी ह्येषा गुणमयी, मम माया दुरत्या। (भ.गी.७.१४) यह बहुत ही दृढ़ और शक्तिशाली है। तुम स्वयं को इससे किस प्रकार सुरक्षित रख सकते हो? मामेव ये प्रपद्यन्ते,मायामेता तरन्ति ते। यदि तुम लग्न और दृढ़ता से कृष्ण भक्ति व सेवा में लगे रहते हो तो तुम्हें अपनी तरफ़ आकर्षित करने के लिए भौतिक प्रकृति बलहीन हो जाये गी।"
661221 - Lecture CC Madhya 20.313-317 - New York