"भगवान् श्री कृष्ण के असंख्य विस्तारित रूप हैं। जब भगवान् इस धरा पर हमारे सामने अवतरित हुए तो उन्होंने अपने कईं विस्तारित रूप दिखाये क्योंकि भविष्य में कुछ मूर्ख लोग नक़ल करके स्वयं को भगवान् का अवतार बतायेंगे या स्वयं को ही भगवान् घोषित करें गे। भगवान् श्री कृष्ण ने अपने जीवन काल में कईं ऐसे असाधारण लक्षण दिखाये कि अन्य कोई व्यक्ति नहीं दिखा पायेगा। जैसे कि मात्र सात वर्ष की आयु में गोवर्धन पर्वत को उठाना। आप लोगों ने वह चित्र देखा होगा। और जब वे केवल सोलह वर्ष की आयु के थे तो उन्होंने सोलह हजार पत्नियों से विवाह, सोलह हजार रूप में विस्तारित होकर किया। कुरूक्षेत्र के युद्ध में उन्होंने अपना विराट रूप दिखाया। यदि कोई स्वयं को भगवान् घोषित करे तो उसे यह असाधारण गुण (लक्षण) दिखाने के लिए उद्यत अर्थात तैयार रहना होगा। कोई भी समझदार व्यक्ति किसी मूर्ख व्यक्ति को भगवान् नहीं समझेगा।"
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