HI/710401 - नित्यानंद को लिखित पत्र, बॉम्बे
त्रिदंडी गोस्वामी
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी
संस्थापक-आचार्य:
अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ
आकाश-गंगा भवन, 7 वीं मंजिल
89 वार्डन रोड
बॉम्बे -26 भारत
1 अप्रैल, 1971
मेरे प्रिय नित्यानन्द दास,
कृपया मेरे आशीर्वाद स्वीकार करो। मुझे तुम्हारा 2 फरवरी, 1971 का पत्र मिला है और मैंने इसे पढ़ा है। मैं जानकर प्रसन्न हूँ कि तुम और तुम्हारी पत्नी कन्या कुमारी(Carol) एक ब्रह्मचारी, पवनदेव(Peter) के साथ न्यू ऑर्लिएन्स में एक केन्द्र खोलने के लिए गए हो। तुम्हारा बहुत धन्यवाद। मेरे गुरु महाराज के आदेश को पूरा करने में मेरी सहायता करने के लिए, मैं तुम अनरीकी युवक व युवतियों की बहुत सराहना करता हूँ। कितनी सरलता से तुम पति पत्नी जा रहे हो, हरे कृष्ण जप रहे हो और शुद्ध कृष्णभावनामृत का प्रचार कर रहे हो। भगवान चैतन्य तुमपर अपनी पूरी कृपावर्षा करें।
अब तुमने विश्वविद्यालयों में प्रचार करना प्रारंभ कर दिया है। चूंकि यह एक बहुत अच्छा कार्यक्रम है, इसलिए इसका अधिकाधिक विस्तार करो। यह पुस्तक वितरण का भी एक अच्छा अवसर है। तुम्हें पुस्तक वितरण पर खूब ज़ोर देना चाहिए, यह एक अत्यन्त बहुमूल्य सेवा है। यदि कोई व्यक्ति हमारी कृष्ण पुस्तक, चैतन्य महाप्रभु की शिक्षाएं, भक्तिरसामृतसिंधु एवं भगवद्गीता यथारूप पढ़ ले, तो अवश्य ही वह कृष्णभावनाभावित बन जाएगा। तो किसी भी प्रकार से इन पुस्तकों का वितरण करो, फिर चाहे विद्यालयों, महाविद्यालयों, पुस्तकालयों, लाइफ मेम्बरशिप के माध्यम से, दुकानों के ज़रिए हो अथवा अन्य जिस प्रकार से भी तुम्हें लगता हो कि ये स्वीकार की जा सकती हैं। यह उत्साह व निश्चय के साथ करो और कृष्ण अवश्य ही तुम्हारी सहायता करेंगे।
इस पत्र में संलग्न कन्याकुमारी व पवनदेव की, मेरे द्वारा जप की हुईं, जपमालाएं प्राप्त करो और साथ ही उनको संबोधित पत्र भी।
आशा है कि यह तुम्हें अच्छे स्वास्थ्य में प्राप्त हो।
सर्वदा तुम्हारा शुभाकांक्षी,
(हस्ताक्षरित)
ए. सी. भक्तिवेदान्त स्वामी
एसीबीएस/एडीबी
श्रीमन नित्यानंद दास अधिकारी
सी / ओ इस्कॉन न्यू ऑरलियन्स
7827 स्पर्स स्ट्रीट
न्यू ऑरलियन्स, एल ए. 70118
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