HI/710809 - इंदिरा को लिखित पत्र, लंदन
त्रिदंडी गोस्वामी
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी
शिविर: इस्कॉन
7, ब्यूरी प्लेस
लंदन, डब्ल्यू.सी. 1
इंग्लैंड
9 अगस्त 1971
मेरी प्रिय इंदिरा,
कृपया मेरे आशीर्वाद स्वीकार करो और उन्हें अपने पति वामनदेव प्रभू को भी दो। मुझे तुम्हारा दिनांक 22 जून, 1971 का पत्र मिला और यह अभी-अभी मुझे यहां लंदन में प्राप्त हुआ है। मैंने बहुत दिलचस्पी के साथ इसे पढ़ा है और विशेषकर तुलसी देवी के तुम्हारे बगीचे के चित्र बहुत उत्साहप्रद हैं।
श्रीमती तुलसी देवी की कृषि के रूप में तुम सर्वोत्तम सेवाओं में से एक कर रही हो। और वे भरपूर मात्रा में उग रहीं हैं। चूंकि तुलसी देवी भक्ति के कारण ही फलिभूत होतीं हैं, तो इससे पता चलता है कि तुम एक महान भक्त हो। तुम्हारा बहुत धन्यवाद।
हवाई से तो हम तुलसी देवी नहीं ला सकते, किन्तु सेन्ट लुई से उन्हें हर जगह भेजा जा सकता है। यह बहुत अच्छा है। तो जब तुम्हारा बड़ा मुनाफा होगा, तो तुम उस धन से क्या करोगी।
तो तुम्हें अन्य केन्द्रों को तुलसी रोपण के लिए बढ़ावा देना चाहिए। प्रत्येक केन्द्र को एक निर्देश भेजा जाना चाहिए कि वे सेन्ट लुई अथवा हवाई से तुलसी देवी का आयात करें। और प्रत्येक भोग अर्पण में थाली पर कम-से-कम तुलसी का एक पत्ता तो अवश्य ही होना चाहिए। पत्ते सेन्ट लुई या हवाई से मंगवाए जा सकते हैं और जितनी जल्दी हो सके, प्रत्येक केन्द्र को तुलसी देवी की सेवा का प्रबन्ध करना चाहिए। ऐसा तुम्हारे अथवा गोविन्द दासी के निर्देशों के अनुसार भली-भांति किया जाना चाहिए, चूंकि तुम दोनों ही इसमें दक्ष बन चुकी हो।
आशा करते हुए कि यह तुम्हें अच्छे स्वास्थ्य में मिले।
सर्वदा तुम्हारा शुभाकांक्षी,
(हस्ताक्षरित)
ए.सी.भक्तिवेदान्त स्वामी
एसीबीएस/एडीबी
इंदिरा देवी दासी
c / o इस्कॉन सेंट. लुइस
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