HI/720125 - शिवानंद को लिखित पत्र, नैरोबी
इस्कॉन लिमिटेड
अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ इंक
संस्थापक-आचार्य:कृष्णकृपामूर्ति ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी
शिविर:पी.ओ. बॉक्स 28946
नैरोबी, केन्या
25 जनवरी, 1972
मेरे प्रिय शिवानंद दास,
मेरे आशीर्वाद स्वीकार करो। मुझे दिनांक 12-1-72 का तुम्हारा पत्र मिला है और मैंने इसे ध्यानपूर्वक पढ़ा है। फिलहाल के लिए तुम सन्नयास ग्रहण करने की अपनी योजना स्थगित कर सकते हो। जबतक तुम्हारी धर्मपत्नी स्वस्थ न हो जाए तुम उसके साथ रह सकते हो। तदोपरान्त तुम दोनों साथ में यात्रा कर सकते एवं और केन्द्रों की स्थापना भी।
तुमने कहा कि – मेरी रूचि सन्नयास में इतनी नहीं है जितनी कृष्णभावनामृत एवं सेवाभाव से अपने गुरु महाराज को प्रसन्न करने में है।
मैं तुम्हारे ऐसे भाव की बहुत सराहना करता हूँ। किसी भी अवस्था में स्थित रहकर, कृष्ण की सेवा में शत-प्रतिशत संलग्न रहना – यही भक्तियोग की वास्तविक परिभाषा है। कृपया इसी प्रकार से आगे बढ़ते रहो और अपनी धर्मपत्नी के संग शांतिपूर्वक रहने का प्रयास करते रहो।
सर्वदा तुम्हारा शुभाकाँक्षी
(हस्ताक्षरित)
ए.सी.भक्तिवेदान्त स्वामी
एमएस/जेडीबी
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