HI/680910b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद सैन फ्रांसिस्को में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
कष्ट तो रहता हैं, यहाँ या भारत में या नरक में या स्वर्ग में - इस भौतिक दुनिया में सभी जगह पीड़ा है । लेकिन लोग इतने मूर्ख हैं कि बस एक अच्छी मोटरकार या गगनचुंबी इमारत की प्राप्ति से, वे सोचते हैं कि "मेरी सारी समस्याओं का हल हो गया है।" वह नहीं जानता है कि "यह जीवन केवल एक झलक है । मैं शाश्वत हूं ।" मान लीजिए कि मुझे कुछ आरामदायक स्थिति मिली है जैसे की एक अमेरिकी जन्म । मैं कब तक अमेरिकी रहूंगा ? कह लीजिये, पचास साल या सौ साल । बस इतना ही । |
680910 - प्रवचन श्री.भा. ६.१.७ - सैन फ्रांसिस्को |