HI/670228 - रायराम को लिखित पत्र, सैन फ्रांसिस्को

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रायराम को पत्र (पृष्ठ १ से २)
रायराम को पत्र (पृष्ठ २ से २)



अंतराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ
२६ पंथ, न्यूयॉर्क, एन.वाई. १०००३
टेलीफोन: ६७४-७४२८
शाखा: ५१८ फ्रेडरिक गली,
सैन फ्रांसिसको,कैलीफ़ोर्निया,
फरवरी २८, १९६७
आचार्य :स्वामी ए.सी. भक्तिवेदांत
समिति:
लैरी बोगार्ट
जेम्स एस. ग्रीन
कार्ल एयरगन्स
राफेल बालसम
रॉबर्ट लेफ्कोविट्ज़
रेमंड मराइस
माइकल ग्रांट
हार्वे कोहेन
मेरे प्रिय रायराम,
कृपया मेरे आशीर्वाद को स्वीकार करें और अपने सभी धर्मभाईयो को भी दें - आप सभी अपने कर्तव्य का अच्छे से पालन कर रहे है। मुझे १५ फरवरी,१९६७ को बैक टू गॉडहेड की प्रतिलिपि प्राप्त हुई है और मुझे खुशी है कि यह अच्छी तरह से की गयी है। एकमात्र दोष वह चित्र है जिसे [हस्तलिखित] गलत तरीके से मुझे पूछे बिना वहाँ रखा गया है। खुदसे विवेचन करने की कोई आवश्यकता नहीं थी और आपने ऐसा विवेचन क्यों किया की उत्तम बनने के लिए भगवान के सामने नग्न होना पड़ता है। गीता और श्रीमद्भागवतम् में छंदों में से किसी एक में भी हमारा अपना कोई विवेचन नहीं हैं। वे काल्पनिक नहीं थे और इसलिए विवेचन की कोई आवश्यकता नहीं है। कृष्ण ने वास्तव में गोपियों के कपड़े उतार दिए और वास्तव में उन्होंने लड़कियों को नग्न देखा। वहां कोई विवेचन नहीं है। कृष्ण जैसी उम्र के वृंदावन की लड़कियां कृष्ण को अपना पति चाहती थीं। भारत में लड़कियों की शादी कम से कम दस साल पहले कर दी जाती है और इस तरह वृंदावन में छोटी उम्र की लड़कियों की शादी हो गयी थी जबकि वे सब कृष्ण को अपने पति के रुप में प्राप्त करना चाहती थी। कृष्ण ने इस लीला के द्वारा उनकी इच्छाओं को पूरा किया। पति को छोड़कर कोई भी महिला या लड़की को नग्न होने के लिए नहीं कह सकता। यह वैदिक संस्कृति का नैतिक शिष्टाचार है। कृष्ण वास्तव में हर महिला के पति हैं। औपचारिक विवाह की कोई आवश्यकता नहीं थी। लेकिन फिर भी कृष्ण ने उन्हें नग्न होने के लिए कहकर पति की तरह लीला की। आध्यात्मिक दुनिया में कोई सहवास नहीं है; बस दिव्य आनंद में ऐसी भावना से इच्छा पूरी होती है।
कृष्ण और गोपियों की ये तस्वीरें किसी आम आदमी की समझ में नहीं आतीं, जिन्हें कृष्ण के बारे में कुछ पता नहीं हैं। इसलिए, बिना मुझसे पूछे इस तस्वीर को गलत तरीके से डाला गया था। इसलिए, कृपया ऐसी कोई भी तस्वीर लगाने से पहले मुझसे सलाह लें। पहले नौ अध्यायों को पढ़कर भागवतम् से कृष्ण को समझना चाहिए। अन्यथा कृष्ण को सामान्य व्यक्ति के रूप में लिया जाएगा और उनके अतीत को गलत तरीके से समझा जाएगा। इसके अलावा एक ब्रह्मचारी को [हस्तलिखित] किसी भी तरह की नग्न तस्वीर नहीं देखनी चाहिए। यह [हस्तलिखित] ब्रह्मचर्य कानून का उल्लंघन है।

मैं आपसे इसलिए कह रहा हूं कि बैक टू गॉडहेड के संपादन में तस्वीर न डालें। मैंने यहां इस तस्वीर को न लगाने के लिए कहा है और इसलिए मैं आपसे यह कह रहा हूं। मुझे लगता है कि सभी तस्वीरें अभी तक वँहा लगी नहीं है और इसलिए इसे वहां नहीं डाला जाना चाहिए।

कल रात हमने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में बहुत अच्छा कार्यक्रम किया। तीन सौ से अधिक छात्र एकत्र हुए और उन सभी ने पूरे एक घंटे तक हमारे कीर्तन एक साथ गाया और नृत्य किया। इसमें १५ से २० मिनट के लिए व्याख्यान और २५ मिनट व्याख्यान के बारे में सवाल और कीर्तन के लिए संतुलन था। इसलिए कुल मिलाकर दो घंटे का कार्यक्रम था और यह बहुत सफल रहा।

रविवार दोपहर को गोल्डन गेट पार्क में कीर्तन हुआ था और लगभग ३ से ४ [हस्तलिखित] सौ दर्शक थे और उनमें से अधिकांश ने दिव्य आनंद में नृत्य किया। इसने मुझे टॉमकिन्स पार्क में हमारी गतिविधियों की याद दिला दी। मैंने उनसे लाउड स्पीकर और माइक की व्यवस्था करने को कहा है ताकि अगले सप्ताह हम [हस्तलिखित] हमारे साथ जुड़ने के लिए अधिक से अधिक दर्शक जुटा सकें। यह मुझे प्रतीत होता है कि इस देश के लोग इस आंदोलन को अच्छी तरह से स्वीकार करेंगे यदि हम उपयुक्त निर्देश के अनुसार इसे [हस्तलिखित] करते रहे। मृदंग प्राप्त होने से और अच्छे से कीर्तन होगा। कृपया मृदंग और करताल को जल्द से जल्द भेजने की कोशिश करें जैसा कि मैंने पहले ही निर्देश दिया है।

उम्मीद है आप सब ठीक हैं,

आपका नित्य शुभचिंतक,

ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी