HI/671004 - ब्रह्मानन्द को लिखित पत्र, दिल्ली


मेरे प्रिय ब्रह्मानन्द,
कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। रायराम के साथ आपका नोट मेरे हाथ में है और मैं इसे पढ़कर बहुत खुश हूं। हां मैकमिलन एंड कंपनी के अंतिम निर्णय का इंतजार करें और मैं आपसे काफी सहमत हूं। यदि वे हमारे काम को लें तो यह बहुत अच्छा होगा इसलिए हमें इसके लिए इंतजार करना चाहिए। अतः आपको पांडुलिपि भेजने की जरूरत नहीं है जब तक आप मैकमिलन से अंतिम शब्द नहीं सुनते। मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि कीर्त्तनानन्द स्वामी अब न्यू यॉर्क में हैं और वह अपने उत्साही गुरु-भाइयों के बीच बहुत अच्छे लगते हैं। लेकिन वह और अधिक अच्छा लगता अगर वह कुछ दिनों के लिए लंदन रुकते जैसा यहां पर सुनिश्चित हुआ था। वैसे भी मुझे बहुत खुशी होगी अगर कीर्तनानंद रायराम के साथ लंदन जाते हैं और वहां सहयोगात्मक रूप से एक केंद्र खोलते हैं। उन्हें लंदन की एक महिला के लिए एक परिचय पत्र मिला है। उनके साथ तत्काल पत्राचार खोला जाए।
राजदूत नेहरू के संबंध में मैं विशेष रूप से उनमें रुचि रखता हूं क्योंकि वह मेरा स्थायी वीजा प्राप्त करने में मेरी मदद करना चाहते थे। कृपया इस वीजा को प्राप्त करने के लिए किसी न किसी तरह से उनकी सहयता का प्रयास करें अन्यथा मैं आपकी जगह पर लौटने के लिए काफी स्वस्थ हूं। पश्चिमी दुनिया में कृष्ण चेतना का उपदेश देते हुए मैं अपने जीवन के बचे हुए दिनों के लिए आपके साथ रहने के लिए हमेशा उत्सुक रहता हूं। इस बार मैं पश्चिमी दुनिया में अपने मिशन के लिए दृढ़ संकल्प के साथ जाऊंगा और मुझे स्थायी वीजा या आव्रजन कागजात प्राप्त करने का प्रयास करूंगा- जो भी सबसे सरलतम हो। मुझे लगता है कि आपके पास मेरे कमरे में मेरे प्रमाण पत्र हैं और आप उनका उपयोग कर सकते हैं। दो बहुत महत्वपूर्ण चीजें आप पर निर्भर कर रही हैं। मैकमिलन के साथ पहली व्यवस्था और दूसरा मेरा स्थायी वीजा पाने के लिए । आप बहुत ईमानदार हो और कृष्ण निश्चित रूप से इस प्रयास में आपकी सहायता करेंगे। मुझे पत्र के साथ बैंक रसीद विधिवत मिली है। एसएस बृजवासी एंड संस से आपने जो तस्वीरें ऑर्डर की थीं, उन्होंने गलती से सैन फ्रांसिस्को भेज दिया गया है। मुकुंद को लिखें कि आप उन्हें वापस पा सकते हैं। उन्हें हवाई डाक से उनके पास से ३००० तस्वीरें मिली हैं। [हस्तलिखित]
आपका नित्य शुभचिंतक
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी।
ब्रह्मानन्द और रायराम दास ब्रह्मचारी
२६ पंथ
न्यू यॉर्क, एन.वाई.
यू.एस.ए. १०००३
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी
सी/ओ मदन दत्ता
७६ - दुर्गा चरण - डॉक्टर गली
कलकत्ता, १४
भारत
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