HI/Prabhupada 0561 - देवता का मतलब है लगभग भगवान । उनमें सब धर्मी गुण मिलेंगे
Press Interview -- December 30, 1968, Los Angeles
पत्रकार: अगर मैं कर सकता हूँ तो मुझे यह समझने की कोशिश करने दिजिए । आप कह रहे हैं कि चंद्रमा पर लोग हैं ?
प्रभुपाद: हाँ ।
पत्रकार: वहॉ हैं । और वे देवता हैं?
प्रभुपाद: हाँ ।
पत्रकार: वे देवता हैं । आप यह कैसे जानते हैं ?
प्रभुपाद: हमारे शास्त्र से, वैदिक शास्त्रों से ।
पत्रकार: किस शास्त्र से ?
प्रभुपाद: वैदिक शास्त्र ।
पत्रकार: यह कैसे लिखा जाता है ?
प्रभुपाद: वैदिक ।
पत्रकार: ओह, वैदिक । मैं आपसे क्षमा चाहता हूँ ।
प्रभुपाद: हाँ ।
पत्रकार: आप मुझे माफ कर दें, क्या मैं अापस से पूछ सकता हूँ.....
प्रभुपाद : ठीक है, ...
पत्रकार: मेरा अापका अपमान करने का मतलब नहीं है ।
प्रभुपाद: कभी कभी मैं अापके लहजे को नहीं समझ सकता हूँ ।
पत्रकार: मुझे मालूम है ।
प्रभुपाद: यह देश का फर्क है । कोई फर्क नहीं पड़ता । हां ।
पत्रकार: और उस शास्त्र से, वैदिक शास्त्र, यह उस में कहा गया है, कि चाँद पर लोग हैं ।
प्रभुपाद: अरे हाँ ।
पत्रकार: लेकिन वे देवता हैं ।
प्रभुपाद: देवता इसका मतलब है कि वे इन मनुष्यों की तुलना में अत्यधिक उन्नत हैं । इसलिए....वे भी हमारी तरह जीव हैं, लेकिन उनके जीवन की अवधि, जीवन का मानक, उनकी सभ्यता, आध्यात्मिक ज्ञान, इतना उन्नत है कि उन्हे देवता कहा जाता है । लगभग भगवान । वे इतने उन्नत हैं । देवता का मतलब है लगभग भगवान । उनमें सब धर्मी गुण मिलेंगे, और वे वायुमंडलीय मामलों के नियंत्रक हैं । उनमें से कुछ बरसात के मौसम को नियंत्रित कर रहे हैं, उनमें से कुछ गर्मी को नियंत्रित कर रहे हैं । जैसे आपके पास नियंत्रक हैं, इस विभाग का विभागीय निदेशक, उस विभाग का निदेशक, इसी तरह अाप क्यों नहीं सोचते हैं कि इस लौकिक अभिव्यक्ति इसके पीछे एक महान दिमाग है और अलग निदेशक हैं और प्रबंधन है? लोग इसे स्वीकार नहीं करते । प्रकृति । प्रकृति से क्या मतलब है? इतनी अच्छी बातें, ऐसी अद्भुत बातें, स्वचालित रूप से चल रही हैं, किसी भी नियंत्रण के बिना? आप देखते हैं?
पत्रकार: ठीक है, मुझे लगता है कि यह एक सवाल है, ज़ाहिर है, हमा अपने आप को हर समय पूछते हैं, मुझे लगता है । यह खुद को खोजने के लिए आदमी की खोज का हिस्सा है और ...
प्रभुपाद: लेकिन उन्हें यह सामान्य ज्ञान होना चाहिए कि तुम एक स्पुतनिक को तैराने की कोशिश कर रहे हो इसके पीछे इतने सारे वैज्ञानिक दिमाग काम कर रहे हैं । और लाखों अद्भुत स्पूटनिक जिन्हे ग्रह कहा जाता है, वे हवा में तैर रहे हैं, कोई दिमाग नहीं है इसके पीछे । यह क्या है? क्या यह बहुत अच्छा तर्क है?
पत्रकार: मुझे नहीं पता । मुझै विचार अवश्य करना होगा ।
प्रभुपाद: आपको यह पता होना चाहिए । यह कैसे हो सकता है । इसके पीछे एक बहुत बड़ा दिमाग होना चाहिए । वे काम कर रहे हैं ।
पत्रकार: अब क्या आप कहत हैं कि चांद, .......? मुझे क्या कहूँ ? मुख्यालय, जहां ये देवता रहते हैं ?
प्रभुपाद: नहीं । एक ही स्तर पर कई ग्रह हैं । कई ग्रह हैं । चंद्रमा उनमें से एक है ।
पत्रकार: क्या इन देवताअों में से किसी नें भी पृथ्वी का दौरा किया है...
प्रभुपाद: पूर्व में वे अाते थे क्योंखि उस समय लोग देखने लायक थे । आप देखते हैं?
पत्रकार: जब आप पूर्व में कहते हैं, तो अापका मतलब है हजारों साल पहले या ...
प्रभुपाद: नहीं । कम से कम पांच हजार साल पहले ।
पत्रकार: कम से कम पांच हजार साल पहले, अाखरी बार कोई भी, क्या वे मनुष्य के रूप में हैं?
प्रभुपाद: हाँ. । जहॉ तक हमारी जानकारी है, कभी कभी महान यज्ञ होते थे, और अन्य ग्रहों से देवता, वे आमंत्रित थे, और वे आते थे ।
पत्रकार: कहां ...? कहां ...? और यह ....अापका यह बयान वैदिक शास्त्र पर आधारित है ?
प्रभुपाद: हाँ ।
पत्रकार: अच्छा । अच्छा ।
प्रभुपाद: यह मेरे द्वारा निर्मित नहीं है ।
पत्रकार: ओह, मुझे पता है! नहीं! मेरा यह मतलब नहीं था । लेकिन मैं सिर्फ जानना चाहता हूँ कि कहॉ ...