HI/690429 - हयग्रीव को लिखित पत्र, बॉस्टन
अप्रैल २९, १९६९
मेरे प्रिय हयग्रीव,
कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मैं आपके दिनांक अप्रैल २५, १९६९ के पत्र की प्राप्ति की पावती देता हूं, और मैंने विषय को ध्यान से नोट कर लिया है। मैंने प्रद्युम्न को देश के इस हिस्से में अपनी यात्रा का कार्यक्रम पहले ही भेज दिया है। मुझे नहीं पता था कि कोलंबस में इतनी महत्वपूर्ण व्यस्तताएँ थीं क्योंकि पहले मुझे केवल यह बताया गया था कि १२ तारीख को एक महत्वपूर्ण बैठक है। इसलिए जब मैं ९ तारीख को जाऊंगा, तो मैं वहां छ: दिन अर्थात १४ तारीख तक ठहरूंगा। १५ तारीख को मैं उत्तरी केरोलिना जा रहा हूँ। इसलिए यदि आपको लगता है कि कोलंबस में और भी कई कार्यक्रम हैं, तो मैं फिर से कोलंबस आ सकता हूँ और जब तक आप चाहें, मैं वहां रहूँगा, और फिर मैं न्यू वृंदावन जाऊंगा। सबसे अच्छी बात यह होगी कि आप उत्तरी कैरोलिना में भूरिजना से बात करें और चीजों को परस्पर व्यवस्थित करें। मुझे नहीं लगता कि वह वर्तमान व्यवस्था को बदल पाएंगे क्योंकि उन्होंने मुझे एक प्रेस कटिंग भेजी है जिसमें सलाह दी गई है कि मैं वहां १६ तारीख को बोलूंगा। इसलिए, वापस आना सबसे अच्छी बात हो सकती है। इसलिए आप मेरे लिए १५, १६ और १७ तारीख को कोई कार्यक्रम न बनाएं। फिर १८ तारीख को हम कोलंबस में और कार्यक्रम बना सकते हैं।
मैं एक पत्र सिंथिया डेली को सौंपने के लिए संलग्न कर रहा हूं, जो आपके साथ कोलंबस में हैं। मुझे आशा है कि आप अच्छे हैं।
आपका नित्य शुभचिंतक,
ऐ. सी. भक्तिवेदांत स्वामी
- HI/1969 - श्रील प्रभुपाद के पत्र
- HI/1969 - श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र
- HI/1969-04 - श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र
- HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र जो लिखे गए - अमेरीका से
- HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र जो लिखे गए - अमेरीका, बॉस्टन से
- HI/श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र - अमेरीका
- HI/श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र - अमेरीका, बॉस्टन
- HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र - हयग्रीव को
- HI/1969 - श्रील प्रभुपाद के पत्र जिन्हें स्कैन की आवश्यकता है