HI/671008 - सुबल को लिखित पत्र, दिल्ली

Revision as of 09:57, 11 January 2022 by Harsh (talk | contribs)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
His Divine Grace A.C. Bhaktivedanta Swami Prabhupāda



अक्टूबर ०८, १९६७

मेरी प्रिय सुबल दास,

कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मैं २ अक्टूबर को आपके पत्र की देय प्राप्ति में हूं। यह ध्यान दिया जाता है कि आप हमारे आते ही कुछ सार्वजनिक कार्यक्रमों को नियुक्त करने का प्रयास कर रहे हैं। मेरा कार्यक्रम है कि मैं कल कलकत्ता जा रहा हूं। पता पत्र पर है। कलकत्ता से मैं आपको बताऊंगा कि मैं वहां कब पहुंचूंगा। शायद आपके पत्र में सूचित समय तक। मैं आपको फिर से देखने के लिए बहुत उत्सुक हूं। मैं आपसे और आपकी पत्नी की कृष्ण भावनामृत की सेवा से बहुत आनंदित हूं।

आपका नित्य शुभचिंतक

ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी