HI/760415 - श्रील प्रभुपाद बॉम्बे में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"यदि आप शांतिपूर्ण और खुश रहना चाहते हैं, तो आपको फिर से वैदिक संस्कृति को अपनाना होगा-सादा जीवन और उच्च विचार। यही चाहिए। यदि आप अधिक से अधिक अनर्थ, अवांछित चीजें लाते हैं, तो आप कैसे खुश रह सकते हैं? हमें उन सभी चीजों को कम करना होगा जिनकी हमें बिल्कुल आवश्यकता है। हमें निश्चित रूप से आहार-निद्रा-भय-मैथुनं च की आवश्यकता है। इसे कम करना होगा। यही सभ्यता है, इसे बढ़ाना नहीं। यह एक गुमराह करने वाली सभ्यता है।"
760415 - प्रवचन श्री. भा. ०७.१२.०४ - बॉम्बे