HI/760606 - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

Revision as of 12:45, 31 August 2024 by Uma (talk | contribs) (Created page with "Category:HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी Category:HI/अमृत वाणी - १९७६ Category:HI/अमृत वाणी - लॉस एंजेलेस {{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/760606SB-LOS_ANGELES_ND_01.mp3</mp3player>|"तो धर्म, धार्...")
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"तो धर्म, धार्मिकता का मार्ग, बहुत गोपनीय है। धर्मस्य तत्त्वं निहितं गुहायाम्। फिर मैं कैसे स्वीकार करूँ कि धर्म क्या है, धर्म क्या है? महाजनो येन गत: स पंथा:। आप केवल अधिकृत व्यक्तियों के पदचिह्नों का अनुसरण करें। तब आप समझते हैं कि धर्म क्या है। आप निर्माण नहीं कर सकते। तो यहाँ भी वही प्रणाली है। वैदिक प्रणाली एक ही है: या तो आप सीधे वेदों से सुनें या वेदों का अनुसरण करने वाले शास्त्रों से।"
760606 - प्रवचन श्री. भा. ०६.०१.४० - लॉस एंजेलेस