HI/680530 - उमापतिको लिखित पत्र, बॉस्टन
त्रिदंडी गोस्वामी
एसी भक्तिवेदांत स्वामी
आचार्य: अंतर्राष्ट्रीय कृष्णा भावनामृत संघ
शिविर: इस्कॉन राधा कृष्ण मंदिर
95 ग्लेनविले एवेन्यू
ऑलस्टन, मैसाचुसेट्स 02134
दिनांक .मई..30,..................1968..
मेरे प्रिय वूमापति,
कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। कुछ दिन पहले मुझे आपका एक अच्छा पत्र मिला जिसमें आपने अच्छी बातें लिखी थीं, और मुझे बहुत खुशी हुई कि अब आप कृष्ण भावनामृत की ओर सकारात्मक रूप से प्रगति कर रहे हैं। यह समझा जाता है कि अनिरुद्ध और आप कभी-कभी कृष्ण भावनामृत से संबंधित विषयों पर सहमत नहीं होते हैं। बेशक, असहमति हो सकती है, लेकिन मतभेद नहीं होना चाहिए। मुझे आपसे यह सुनकर खुशी होगी कि असहमति का क्या मतलब है, और यदि यह बहुत गंभीर नहीं है, तो मुझे लगता है कि आपको अनिरुद्ध से कहना चाहिए कि वह इस तरह की तुच्छ असहमति से प्रभावित न हों।
मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई कि एल.ए. मंदिर दिन-प्रतिदिन बेहतर होता जा रहा है। इसी तरह, अन्य स्थानों पर भी मंदिरों में सुधार हो रहा है, खासकर बफ़ेलो, सांता फ़े और बोस्टन में। मैं 3 जून, 1968 को मॉन्ट्रियल के लिए रवाना हो रहा हूँ, और मुझे हमारे मॉन्ट्रियल पते पर आपसे सुनकर खुशी होगी।
धन्यवाद।
आपका सदैव शुभचिंतक,
ए. सी. भक्तिवेदांत स्वामी
5364 डब्ल्यू. पिको बोलवर्ड
लॉस एंजिल्स, कैल. 90019
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