HI/660525b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ।।  
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ।।
यज्ञ करने की यह विधि सब से मितव्ययी ( सस्ती ) है। इसे कोई भी अपना सकता है।" |Vanisource:660525 - Lecture BG 03.16-17 - New York|660525 - Lecture BG 03.16-17 - New York}}
यज्ञ करने की यह विधि बिना कोई मूल्य की है।कोई भी इसे ग्रहण कर सकता है।|Vanisource:660525 - Lecture BG 03.16-17 - New York|660525 - प्रवचन भ.गी. ३.१६-१७ - न्यूयार्क}}

Latest revision as of 03:45, 26 February 2022

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
जहाँ तक यज्ञ का संबंध है, हम ये यज्ञ कर सकते हैं, संकीर्तन यज्ञ। यह कठिन नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति इसे अपने घर पर या यहाँ पर कर सकता है।...और वह क्या है?

हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ।। यज्ञ करने की यह विधि बिना कोई मूल्य की है।कोई भी इसे ग्रहण कर सकता है।

660525 - प्रवचन भ.गी. ३.१६-१७ - न्यूयार्क