HI/660728 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"यह भौतिक परमाणु अस्तित्व क्षणिक है, अभी-अभी जिस परमाणु युग का आपने अनुभव किया है ठीक उसी प्रकार अध्यात्मिक परमाणु का अस्तित्व भी है। अभी, यह अध्यात्मिक परमाणु अस्तित्व ... एक दिन पहले भी मैंने विस्तार से बताया था और वैदिक शास्त्र, पद्म पुराण में इस अणु का कईं बार वर्णन हुआ है। उस अध्यात्मिक शक्ति का रूप क्या है? अणु का अर्थ अध्यात्मिक अणु से है। वह बाल के ऊपर के भाग का दस हज़ारवें भाग का एक हिस्से जितना है। वह केवल एक बिन्दु जितना है। अभी आपको बाल के ऊपर के हिस्से अनुभव है अब आप स्वयं ही उस बिन्दु को दस हज़ार भाग में विभाजित करो और वह दस हजारवाँ हिस्सा अध्यात्मिक अणु है। यही हमारी स्थिति है। "
660728 - Lecture BG 04.11-12 - New York