HI/660827 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
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{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/660827BG-NEW_YORK_ND_01.mp3</mp3player>|अत: यह इस जगत की दूषित परछाईं है। और क्योंकि यह परछाईं वास्तविकता की है, इसलिए हम इसे सत्य समझ लेते हैं। यह भी सत्य है, परन्तु अस्थाई है।  इसे हम भ्रम कहते हैं। परन्तु यदि हम यह समझ लें कि " यह अस्थाई है, तो हमें इससे आसक्ति नहीं करनी चाहिए। यह अस्थाई है। मेरी आसक्ति असत्य से नहीं  से बल्कि सत्य, वास्तविकता से होनी चाहिए,"... अत: सत्य केवल कृष्ण हैं। इसलिए हमें स्वयं को अस्थाई से सत्य की ओर ले जाना है।|Vanisource:660827 - Lecture BG 05.07-13 - New York''|660827 - Lecture BG 05.07-13 - New York}}
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{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/660827BG-NEW_YORK_ND_01.mp3</mp3player>| "तो यह संसार एक विकृत प्रतिबिंब है। और क्योंकि यह वास्तविकता का प्रतिबिंब है, इसलिए यह इतना अच्छा प्रतीत होता है कि, हम इसे वास्तविक तत्व के रूप में लेते हैं। इसे भ्रम कहा जाता है। परन्तु यदि हम यह समझ लें कि "यह अस्थायी है, मुझे इससे आसक्त नहीं होना है। यह अस्थायी है। मेरी आसक्ति वास्तविकता से होनी चाहिए, न की कल्पना से,"... और वास्तविकता केवल कृष्ण हैं। यह भी वास्तविकता है किन्तु अस्थायी है। इसलिए हमें स्वयं को अस्थायी से वास्तविकता की ओर ले जाना होगा।"|Vanisource:660827 - Lecture BG 05.07-13 - New York''|660827 - प्रवचन भ.गी. ५.-१३ - न्यूयार्क}}

Latest revision as of 04:12, 10 March 2022

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"तो यह संसार एक विकृत प्रतिबिंब है। और क्योंकि यह वास्तविकता का प्रतिबिंब है, इसलिए यह इतना अच्छा प्रतीत होता है कि, हम इसे वास्तविक तत्व के रूप में लेते हैं। इसे भ्रम कहा जाता है। परन्तु यदि हम यह समझ लें कि "यह अस्थायी है, मुझे इससे आसक्त नहीं होना है। यह अस्थायी है। मेरी आसक्ति वास्तविकता से होनी चाहिए, न की कल्पना से,"... और वास्तविकता केवल कृष्ण हैं। यह भी वास्तविकता है किन्तु अस्थायी है। इसलिए हमें स्वयं को अस्थायी से वास्तविकता की ओर ले जाना होगा।"
660827 - प्रवचन भ.गी. ५.७-१३ - न्यूयार्क