HI/660902 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत बूँदें
"इस भौतिक जगत् में सभी दास ( सेवक ) हैं । कोई भी मालिक नहीं है। यदि कोई सोचता है कि ," मैं मालिक हूँ" परन्तु वास्तव में वह सेवक है। कल्पना करो कि तुम अपने परिवार में अपनी पत्नी, बच्चों, सेवकों, अपने व्यापार, के मालिक हो तो यह असत्य है। तुम अपनी पत्नी के सेवक हो, तुम अपने बच्चों के सेवक हो, तुम अपने सेवकों के भी सेवक हो। यह तुम्हारी वास्तविक स्थिति है।"
660902 - Lecture BG 06.01-4 - New York