HI/660909 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"आत्मा वास्तव में पुरूष है। जैसे भगवान् वास्तव में व्यक्तिगत रूप में हैं, क्योंकि हम उस परम पिता के अंश हैं। क्योकि यदि मैं एक पुरूष रूप में हूँ तो भगवान् सत्य में ही पुरूष हैं। भगवान् सब के पिता हैं। अब यदि मैं बेटा हूँ—मेरा एक व्यक्तित्व है; मेरी एक वैयक्तित्वता है—तो हम भगवान् के व्यक्तित्व और वैयक्तित्वता को कैसे नकार सकते हैं ? अत: यह समझने के लिए बुद्धिमत्ता की आवश्यकता है।"
660909 - Lecture BG 06.21-27 - New York