HI/661007 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"इस देह की चार मूल आवश्यकताएँ हैं: हमारे लिए कुछ खाना आवश्यक है; हमारे लिए विश्राम करना आवश्यक है; थोड़े समय के लिए निद्रा ज़रूरी है; दुश्मन से स्वयं का रक्षा करना और हमें संभोग की सुविधा मिलनी भी अनिवार्य है। शरीर को संतुलित रखने के लिए यह सब आवश्यक है। लेकिन जो इस भौतिक जगत् से मुक्ति पाना चाहता है वह इनका भोग अत्यधिकता में नहीं कर सकता। कुछ नियन्त्रण होना चाहिए।"
661007 - Lecture BG 07.11-16 - New York