HI/661104 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"भगवान् चैतन्य महाप्रभु के मतानुसार इस कलियुग में वैदिक नियमों और यज्ञादि को करना संभव नहीं है।...वे बहुत कठिन हैं। धार्मिक प्रथाओं और धार्मिक कृत्यों को करवाने के लिए कोई भी निपुण मार्गदर्शक नहीं हैं। इसलिए, इस हरे कृष्ण को लेलो। इसे अपना लो। किसी धर्म कृत्य की आवश्यकता नहीं है। कुछ व्यय करने की आवश्यकता नहीं। भगवान् ने तुम्हें जीभा और कान दिये हैं। बस, हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे; का जप करते रहिए। और इससे तुम्हारी अध्यात्मिक प्रगति हो जाएगी।"
661104 - Lecture Festival Govardhana Puja - New York