HI/661115 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"जो परम भगवान् श्री कृष्ण की सेवा में जुटे हुए हैं वे लोग, इस भौतिक जगत् में रूचि नहीं रखते। क्यों? क्योंकि वे जानते हैं कि स्वयं को ऊपर उठा कर, प्रगति करके तुम किसी भी लोक में जा सकते हो। लेकिन भौतिक जीवन के चार सिद्धान्त हैं। वह क्या हैं? जन्म, मृत्यु, जरा और व्याधि। तुम किसी भी लोक में चले जाओ, वहाँ इस धरती की तुलना में भले ही दीर्घ जीवनकाल हो, परन्तु मृत्यु तो निश्चित् ही है। मृत्यु निश्चित है।"
661115 - Lecture BG 08.12-13 - New York