HI/661120 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"यह भौतिक जगत्, बद्ध जीवों के लिए है। एकदम बंदीग्रह की तरह है। यह बंदीगृह क्या होता है? बंदीगृह राज्य का वह क्षेत्र है जो कि चारों ओर से दीवारों से सुरक्षित है ताकि बंदी उसके बाहर न जा सके। उसे बंदीगृह कहते हैं। लेकिन यह राज्य के, शहर के भीतर तुच्छ से भाग में है। उसी प्रकार यह भौतिक जगत्, अध्यात्मिक जगत् की केवल तुच्छ सी ही अभिव्यक्ति है और यह ढकी हुई है, ताकि हम अध्यात्मिक जगत में न जा सकें। जो कि संभव नहीं है।"
661120 - Lecture BG 08.22-27 - New York