HI/661123 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"श्रवणम कीर्तनम विष्णो स्मरणम । अभी, जो आप भगवद् गीता से सुन रहे हैं यदि घर जाकर स्मरण करें, कि जो स्वामीजी कह रहे थे, उसे मैं अपने जीवन में कैसे प्रयोग में ला सकता हूँ ?'...तो हमें ये याद रखना चाहिए। हमें यहाँ से जाने के पश्चात् इसे भूल नहीं जाना चाहिए। और यदि कोई प्रश्न या संशय है, तो उसे सभी के समक्ष सभा में रखना चाहिए। आपका जो भी प्रश्न है। मैं आपको प्रश्न पूछने के लिए आमंत्रित कर रहा हूँ क्योंकि हम एक महान और सुन्दर विज्ञान को समझने का प्रयास कर रहे हैं। इसलिए इसे अत्यधिक महत्वपूर्ण अभ्यास से समझना चाहिए। हम आपसे यह अनुरोध नहीं कर रहे हैं कि, आप इसे अपना ले या अंधविश्वास के साथ स्वीकार करें।"
661123 - प्रवचन भ.गी. ९.२-५ - न्यूयार्क