HI/661216 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

Revision as of 05:05, 1 April 2022 by Meghna (talk | contribs)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"भगवान् श्री कृष्ण कहते हैं कि, 'यदि कोई प्रेम तथा भक्ति के साथ उन्हें यह वस्तुएँ जैसे ', पत्रम पुष्पम फलम तोयम (भ.गी. ९.२६), एक पत्ती, एक पुष्प, थोड़ा सा फल या जल अर्पित करता है... तो वे उसे अत्यंत प्रसन्नतापूर्वक स्वीकार करते हैं। क्यों ? क्योंकि हम यह वस्तुएँ भक्ति एवं प्रेमपूर्वक अर्पित करते हैं। यह ही एकमात्र मार्ग है।"
661216 - प्रवचन भ.गी. ९.२६-९.२७ - न्यूयार्क