HI/670105 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
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:भज गोविन्दं मूढमते ।
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:सम्प्राप्ते सन्निहिते काले  
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:नहि नहि रक्षति डुकृङ्करणे ॥
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:(Śaṅkarācārya)
"भज गोविन्दं भज गोविन्दं  
He advised, "You fools, you are talking about philosophical speculation, grammatical meaning, and eschewing. Oh, these are all nonsense. You cannot save yourself by doing this. When there will be death, Govinda can save you. Only Govinda can save you from falling down. So bhaja govindaṁ bhaja govindaṁ bhaja govindaṁ mūḍha-mate."|Vanisource:670105 - Lecture CC Madhya 21.49-60 - New York|670105 - प्रवचन CC Madhya 21.49-60 - न्यूयार्क}}
:भज गोविन्दं मूढ-मते
:प्राप्ते सन्निहिते काले  
:न हि न हि रक्षति दुकृण कारणे
:(शंकराचार्य)
उन्होंने सलाह दी, "तुम सब मूर्ख, तुम दार्शनिक अटकलें, व्याकरणिक अर्थ और गूढ़ता के बारे में बात कर रहे हो। ओह, ये सब बकवास हैं। आप ऐसा करने से खुद को नहीं बचा सकते। जब मृत्यु होगी, गोविंद आपको बचा सकते हैं। केवल गोविंद ही आप को नीचे गिरने से बचा सकते हैं। तो भज गोविन्दं भज गोविन्दं भज गोविन्दं मूढ-मते।"|Vanisource:670105 - Lecture CC Madhya 21.49-60 - New York|670105 - प्रवचन चै.च. मध्य २१.४९-६० - न्यूयार्क}}

Latest revision as of 03:44, 15 October 2020

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी

"भज गोविन्दं भज गोविन्दं

भज गोविन्दं मूढ-मते
प्राप्ते सन्निहिते काले
न हि न हि रक्षति दुकृण कारणे
(शंकराचार्य)

उन्होंने सलाह दी, "तुम सब मूर्ख, तुम दार्शनिक अटकलें, व्याकरणिक अर्थ और गूढ़ता के बारे में बात कर रहे हो। ओह, ये सब बकवास हैं। आप ऐसा करने से खुद को नहीं बचा सकते। जब मृत्यु होगी, गोविंद आपको बचा सकते हैं। केवल गोविंद ही आप को नीचे गिरने से बचा सकते हैं। तो भज गोविन्दं भज गोविन्दं भज गोविन्दं मूढ-मते।"

670105 - प्रवचन चै.च. मध्य २१.४९-६० - न्यूयार्क