HI/670120 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद सैन फ्रांसिस्को में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
No edit summary
 
Line 2: Line 2:
[[Category:HI/अमृत वाणी - १९६७]]
[[Category:HI/अमृत वाणी - १९६७]]
[[Category:HI/अमृत वाणी - सैन फ्रांसिस्को]]
[[Category:HI/अमृत वाणी - सैन फ्रांसिस्को]]
{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/670120CC-SAN_FRANCISCO_ND_01.mp3</mp3player>|"भगवान चैतन्य महाप्रभु की ख़ासियत यह थी कि वे बहुत ठोस तर्क देते थे, और वे अपने प्रतिद्वंद्वी को इस तरह से पराजित करते थे कि वे संतुष्ट हो जाते थे। वे शत्रुवत नहीं थे। और शास्त्र के प्रमाण के साथ। मुक्‍ति- युक्‍ति नहीं। वे शास्त्र से उचित तर्क और प्रमाण डाल रहे थे। सर्व-शास्त्र खंडि प्रभु भक्ति करे सार। और सुंदरता यह थी कि वे भक्ति के खिलाफ अन्य सभी तर्कों को परास्त कर रहे थे। वे केवल यह स्थापित कर रहे थे कि ' ईश्वर महान हैं, और हम उनकी सेवा करने के लिए हैं' ।''|Vanisource:670120 - Lecture CC Madhya 25.19-30 - San Francisco|670120 - प्रवचन चै. च. मध्य २५.१९-३० - सैन फ्रांसिस्को}}
<!-- BEGIN NAVIGATION BAR -- DO NOT EDIT OR REMOVE -->
{{Nectar Drops navigation - All Languages|Hindi|HI/670116 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|670116|HI/670120b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद सैन फ्रांसिस्को में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|670120b}}
<!-- END NAVIGATION BAR -->
{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/670120CC-SAN_FRANCISCO_ND_01.mp3</mp3player>|"भगवान चैतन्य महाप्रभु की विशेषता यह थी कि वे अत्यधिक ठोस तर्क देते थे, और वे अपने प्रतिद्वंद्वी को इस प्रकार से पराजित करते थे कि वे संतुष्ट हो जाते थे। वे शत्रुवत नहीं थे। वे शास्त्र के प्रमाण के साथ तर्क प्रस्तुत करते थे। मुक्‍ति- युक्‍ति नहीं। वे शास्त्र से उचित तर्क और प्रमाण प्रस्तुत रहे थे। सर्व-शास्त्र खंडि प्रभु भक्ति करे सार। तथा सुंदरता यह थी कि वे भक्ति के विरुद्ध अन्य सभी तर्कों को परास्त कर रहे थे। वे केवल यह स्थापित कर रहे थे कि 'ईश्वर महान हैं, और हम उनकी सेवा करने के लिए हैं।'" |Vanisource:670120 - Lecture CC Madhya 25.19-30 - San Francisco|670120 - प्रवचन चै. च. मध्य २५.१९-३० - सैन फ्रांसिस्को}}

Latest revision as of 03:29, 17 April 2022

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"भगवान चैतन्य महाप्रभु की विशेषता यह थी कि वे अत्यधिक ठोस तर्क देते थे, और वे अपने प्रतिद्वंद्वी को इस प्रकार से पराजित करते थे कि वे संतुष्ट हो जाते थे। वे शत्रुवत नहीं थे। वे शास्त्र के प्रमाण के साथ तर्क प्रस्तुत करते थे। मुक्‍ति- युक्‍ति नहीं। वे शास्त्र से उचित तर्क और प्रमाण प्रस्तुत रहे थे। सर्व-शास्त्र खंडि प्रभु भक्ति करे सार। तथा सुंदरता यह थी कि वे भक्ति के विरुद्ध अन्य सभी तर्कों को परास्त कर रहे थे। वे केवल यह स्थापित कर रहे थे कि 'ईश्वर महान हैं, और हम उनकी सेवा करने के लिए हैं।'"
670120 - प्रवचन चै. च. मध्य २५.१९-३० - सैन फ्रांसिस्को