HI/670120 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद सैन फ्रांसिस्को में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"भगवान चैतन्य महाप्रभु की ख़ासियत यह थी कि वे बहुत ठोस तर्क देते थे, और वे अपने प्रतिद्वंद्वी को इस तरह से पराजित करते थे कि वे संतुष्ट हो जाते थे। वे शत्रुवत नहीं थे। और शास्त्र के प्रमाण के साथ। मुक्‍ति- युक्‍ति नहीं। वे शास्त्र से उचित तर्क और प्रमाण डाल रहे थे। सर्व-शास्त्र खंडि प्रभु भक्ति करे सार। और सुंदरता यह थी कि वे भक्ति के खिलाफ अन्य सभी तर्कों को परास्त कर रहे थे। वे केवल यह स्थापित कर रहे थे कि ' ईश्वर महान हैं, और हम उनकी सेवा करने के लिए हैं' ।
670120 - प्रवचन चै. च. मध्य २५.१९-३० - सैन फ्रांसिस्को