HI/670120b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद सैन फ्रांसिस्को में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
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{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/670120CC-SAN_FRANCISCO_ND_02.mp3</mp3player>|जहाँ तक मोक्ष का सवाल है, किसी को भी भक्ति के बिना, भक्ति सेवा के बिना मुक्ति नहीं मिल सकती है। भक्ति विना, भक्ति सेवा के बिना, ईश्वर के प्रेम के बिना मुक्ति नहीं मिल  सकती है। यह श्रीमद-भागवतम का निर्णय है। इसलिए जब तक कोई व्यक्ति भगवान् के सामने आत्मसमर्पण नहीं करता है, तब तक इस भौतिक दुनिया से मुक्ति पाने का कोई सवाल नहीं उठता है।|Vanisource:670120 - Lecture CC Madhya 25.19-30 - San Francisco|670120 - प्रवचन CC Madhya 25.19-30 - सैन फ्रांसिस्को}}
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Latest revision as of 06:04, 18 April 2022

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"जहाँ तक मुक्ति का प्रश्न है, किसी को भी भक्ति के बिना, भक्तिमय सेवा के बिना, मुक्ति नहीं प्राप्त हो सकती है। भक्ति रहित, भक्तिमय सेवा रहित, भगवद प्रेम रहित, मुक्ति नहीं प्राप्त हो सकती है। यह श्रीमद भागवतम का निर्णय है। इसलिए जब तक कोई व्यक्ति परम भगवान के समक्ष शरणागत नहीं होता है, तब तक उसके इस भौतिक संसार से मुक्त होने का प्रश्न ही नहीं उठता है।"
670120 - प्रवचन चै.च. मध्य २५.१९-३० - सैन फ्रांसिस्को