HI/670124 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद सैन फ्रांसिस्को में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
कुछ नैतिकतावादी कहते हैं कि "क्या उपयोग है - भगवान, भगवान, हरे कृष्ण का ? बस अपना कर्तव्य निभाएं।" लेकिन उनहे पता नहीं है कि उनका कर्तव्य क्या है। उनका कर्तव्य केवल भगवान की पूजा करना है, और कुछ भी नहीं। यही उनका कर्तव्य है। अन्य सभी कर्तव्य केवल माया जाल हैं। अन्य कोई कर्तव्य नहीं है। यही मानव जीवन का कर्तव्य है। जानवर उस कर्तव्य को अंजाम नहीं दे सकते। सिर्फ इंसान ही इसे निभा सकता है। इसलिए हमारा एकमात्र कर्तव्य है कि हम ईश्वर को समझें और खुद इसे करने में जुट जायें।
670124 - प्रवचन CC Madhya 25.40-50 - सैन फ्रांसिस्को