HI/670209b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद सैन फ्रांसिस्को में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
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अपने आध्यात्मिक गुरु से संदेश लेते हैं - जो कुछ भी गुरु कहते हैं - उनको उस विशेष आदेश को बिना किसी विचलन के पूरा करना होगा। जो उसे पूरी तरह से उत्तम बनाएगा। अलग-अलग शिष्यों के लिए अलग-अलग आदेश हो सकते हैं, लेकिन एक शिष्य को अपने आध्यात्मिक गुरु के आदेश को अपने जीवन के रूप में लेना चाहिए: "यह आदेश दिया गया है, इसलिए मुझे बिना किसी विचलन के इसे निभाना है।" एसा करने से वह पूरी तरह से उत्तम बन जाएगा।|Vanisource:670209 - Lecture CC Adi 07.77-81 - San Francisco|670209 - प्रवचन CC Adi 07.77-81 - सैन फ्रांसिस्को}}
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Latest revision as of 03:58, 25 April 2022

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
उद्देश्य यह है कि जो बुद्धिमान हैं, वे अपने आध्यात्मिक गुरु से संदेश लेते हैं - जो कुछ भी गुरु कहते हैं - उनको उस विशेष आदेश को बिना किसी विचलन के पूरा करना होगा। अलग-अलग शिष्यों के लिए अलग-अलग आदेश हो सकते हैं, लेकिन एक शिष्य को अपने आध्यात्मिक गुरु के आदेश को अपने जीवन के रूप में लेना चाहिए: "यह आदेश दिया गया है, इसलिए मुझे बिना किसी विचलन के इसे निभाना है।" वह उस व्यक्ति सिद्ध बनाएगा।
670209 - प्रवचन चै.च. आदि ७.७७-८१ - सैन फ्रांसिस्को