HI/670210 - जदुरानी को लिखित पत्र, सैन फ्रांसिस्को: Difference between revisions
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टेलीफोन: ६७४-७४२८ <br/> | टेलीफोन: ६७४-७४२८ <br/> | ||
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कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मैं ७ फरवरी १९६७ के आपके पत्र की यथोचित प्राप्ति में हूँ और विषय सूची को ध्यान से लिख लिया है। आपकी गंभीर सेवा के लिए कृष्ण आप पर अधिक से अधिक प्रसन्न हों। | <br/> | ||
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कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मैं ७ फरवरी १९६७ के आपके पत्र की यथोचित प्राप्ति में हूँ और मैंने विषय सूची को ध्यान से लिख लिया है। आपकी गंभीर सेवा के लिए कृष्ण आप पर अधिक से अधिक प्रसन्न हों। आप एक अच्छे कलाकार हैं इसलिए आप अच्छा लिखते हैं। कृष्ण को अपना पति स्वीकार करें और वह आपको कभी धोखा नहीं देंगे। वह पूरी सुख-सुविधाओं के साथ पत्नी की किसी भी संख्या को बनाए रखने के लिए सक्षम है क्योंकि वह सर्वशक्तिमान हैं। इसलिए अपने पति की सेवा में व्यस्त रहें और आप इस जीवन के साथ-साथ अगले जीवन में भी खुश रहेंगी। कृष्ण आपको पूरे आशीर्वाद के साथ पुरस्कृत करें।<br/> | |||
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आपका नित्य शुभचिंतक, <br/> | आपका नित्य शुभचिंतक, <br/> | ||
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ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी | ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी |
Latest revision as of 01:09, 19 May 2021
अंतराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ
२६ पंथ, न्यूयॉर्क, एन.वाई. १०००३
टेलीफोन: ६७४-७४२८
५१८ फ्रेडरिक गली,
सैन फ्रांसिसको,कैलीफ़ोर्निया,
फरवरी १०, १९६७
आचार्य :स्वामी ए.सी. भक्तिवेदांत
समिति:
लैरी बोगार्ट
जेम्स एस. ग्रीन
कार्ल एयरगन्स
राफेल बालसम
रॉबर्ट लेफ्कोविट्ज़
रेमंड मराइस
माइकल ग्रांट
हार्वे कोहेन
मेरी प्रिय जदुरानी,
कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मैं ७ फरवरी १९६७ के आपके पत्र की यथोचित प्राप्ति में हूँ और मैंने विषय सूची को ध्यान से लिख लिया है। आपकी गंभीर सेवा के लिए कृष्ण आप पर अधिक से अधिक प्रसन्न हों। आप एक अच्छे कलाकार हैं इसलिए आप अच्छा लिखते हैं। कृष्ण को अपना पति स्वीकार करें और वह आपको कभी धोखा नहीं देंगे। वह पूरी सुख-सुविधाओं के साथ पत्नी की किसी भी संख्या को बनाए रखने के लिए सक्षम है क्योंकि वह सर्वशक्तिमान हैं। इसलिए अपने पति की सेवा में व्यस्त रहें और आप इस जीवन के साथ-साथ अगले जीवन में भी खुश रहेंगी। कृष्ण आपको पूरे आशीर्वाद के साथ पुरस्कृत करें।
आपका नित्य शुभचिंतक,
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी
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