HI/670318 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद सैन फ्रांसिस्को में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं
From Vanipedia
Revision as of 11:12, 24 April 2021 by Amala Sita (talk | contribs)
Revision as of 11:12, 24 April 2021 by Amala Sita (talk | contribs)
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"भगवान चैतन्य से पूर्व, भगवान श्री कृष्ण की लीला स्थली भुला दी गई थी। लोगों को केवल इतनी ही जानकारी थी, कि 'इन स्थानों पर कृष्ण का जन्म और लीला रची गई थी'। किन्तु कोई विशेष स्थान की खुदाई नहीं की गई थी। परंतु चैतन्य महाप्रभु... जब चैतन्य महाप्रभु ने सनातन गोस्वामी को भेजा, तो उस स्थल का महत्व जिनका नाम मथुरा-वृंदावन है, बहुत महत्वपूर्ण हो गया। उस शहर का महत्व सनातन गोस्वामी के कारण है, क्योंकि सनातन गोस्वामी को वहॉ जाके मंदिर स्थापित करने के लिए अधिकृत किया गया था। तो सनातन गोस्वामी और रूप गोस्वामी के बाद, सैकड़ों और हजारों मंदिरों का निर्माण किया गया था, और अब वहाँ सनातन गोस्वामी के बाद, कम से कम ५००० जितने मंदिर हैं।" |
670318 - प्रवचन चै.च. आदि ७.१४९-१७१ - सैन फ्रांसिस्को |